'मैं इक फकीर के होंठों की मुस्कुराहट हूँ किसी से भी मेरी कीमत अदा नहीं होती' मशहूर शायर मुनव्‍वर राणा का ये शेर बताता है कि हंसाना कितना जरूरी होता है। जब भी कोई अच्‍छी बात होती है तो हंसी अनाना स्वभाविक होता है। हंसने से खून तो बढ़ता ही है साथ ही उम्र भी बढ़ती है। हर मनुष्य के हंसने का तरीका अलग होता है। कोई ठहाका मार के हंसता है तो कोई मंद-मंद मुस्कुराता है। समुद्र शास्त्र के अनुसार आप किसी के व्‍यक्ति के हंसने के तरीके से उसके स्‍वभाव को समझ सकते हैं।

1- खिलखिलाकर हंसने वाले लोग सहनशील, दयालु, सभी का अच्छा सोचने वाले तथा पढाई-लिखाई में आगे होते हैं। ऐसे लोग किसी को धोखा नहीं देते तथा अच्छे प्रेमी होते हैं।
2- जो लोग ठहाका मारकर ऊंचे स्वर में हंसते है वो अपने जीवन में सफल होते हैं। यदि ऐसी हंसी के साथ चेहरा व्यंगपूर्ण हो तो उनमे अहंकार की भावना भी होती है।
3- रुक-रुक कर हंसने या एक ही विषय पर कुछ देर बाद तक हंसने वाले लोगों की मानसिक शक्ति कमजोर होती है। ऐसे लोग हर काम में असफल रहते हैं।
4- जिन लोगों की मुस्कान शांत होती है वे अपने मन की प्रसन्नता को व्यक्त करते है तथा गंभीर, धैर्यवान, शांतिप्रिय, विश्वासी, ज्ञानी एवं स्थिर प्रवति के होते हैं। ऐसे लोगों के साथ आप को रहना चाहिये।
5- घोड़े के समान हिनहिना कर हंसने वाले लोग धूर्त होते हैं। ऐसे लोग अहंकारी, कपटी तथा निक्कमे होते हैं। ये लोगों का फायदा उठाने में माहिर होते हैं। इन पर आसानी से विश्वास नहीं किया जा सकता।

 

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Posted By: Prabha Punj Mishra