कभी सिर्फ नातिया कलाम यानि ईश्वर को समर्पित गीत गाने वाले बॉलीवुड के मशहूर सिंगर तलत महमूद 9 मई 1998 को इस दुनिया को अलविदा कह गए पर उनकी थरथराती आवाज़ में गाए गीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं।

फिल्म - जहांआरा
फिर वही शाम वही ग़म वही तनहाई है
दिल को समझाने तेरी याद चली आई है

फिल्म - आरजू

ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहां कोई न हो,
अपना पराया मेहरबां ना-मेहरबां कोई न हो


फिल्म - बारादरी
तस्वीर बनाता हूं तस्वीर नहीं बनती

 

फिल्म - टैक्सी ड्राइवर
सीने में सुलगते हैं अरमां आंखों में उदासी छाई है,
ये आज तेरी दुनिया से हमें तक़दीर कहां ले आई है


फिल्म - तराना
जाएं तो जाएं कहां जाएं तो जाएं कहां,
समझेगा, कौन यहाँ दर्द भरे, दिल की ज़ुबां


फिल्म - फुटपाथ
शाम ए ग़म की कसम आज ग़मगीन हैं हम,
आ भी जा आ भी जा आज मेरे सनम

फिल्म - देख कबीरा रोया
हमसे आया ना गया तुमसे बुलाया ना गया,
फासला प्यार में दोनों से मिटाया ना गया


 
फिल्म - मदहोश
मेरी याद में तुम न आंसू बहाना न जी को जलाना, मुझे भूल जाना,
समझना के था एक सपना सुहाना वो गुज़रा ज़माना, मुझे भूल जाना

फिल्म - छाया
इतना न मुझसे तू प्यार बढ़ा के मैं एक बादल आवारा
कैसे किसी का सहारा बनूं के मैं खुद बेघर बेचारा

फिल्म - दाग
ऐ मेरे दिल कहीं और चल ग़म की दुनिया से दिल भर गया
ढूंढ ले अब कोई घर नया ऐ मेरे दिल कहीं और चल।

Posted By: Molly Seth