भारत के सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने लंबे समय चली आरही बीसीसीआई और लोढ़ा कमेटी की तनातनी पर विराम लगाते हुए अपना फैसला सुना दिया है। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने नियंत्रक एवं पूर्व महालेखा परीक्षक रहे विनोद राय की अध्यक्षता में चार प्रशासकों को नियुक्त किया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करने पर बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से हटा चुकी है। आइये जाने अब बीसीसीआई की बागडोर संभालने के लिए नियुक्‍त किए गए राय के बारे में कुछ खास बातें।

जन्म: विनोद राय का जन्म 23 मई, 1948 को उततर प्रदेश के गाजियाबाद में हुआ।
शिक्षा: राय ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर्स डिग्री और हॉर्वड विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है।
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करियर: विनोद राय 1972 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने थ्रिसूर जिले में सब-कलेक्टर के तौर पर अपना करियर शुरू किया। इसके बाद वो थ्रिसूर जिले में आठ साल कलेक्टर रहे। फिर 1977 से 1980 के बीच केरल राज्य को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन के एमडी पद पर रहे। उन्हें केरल राज्य का मुख्य सचिव (वित्त) भी नियुक्त किया गया। कई और अहम पदों पर काम करते हुए अंतत: वे सीएजी बनाये गए। फरवरी 2016 में विनोद राय को बैंक बोर्ड ब्यूरो का चेयरमैन बनाया दिया गया। जहां वे पब्लिक सेक्टर्स के बैंकों में उच्च स्तर पर नियुक्तियों को लेकर सरकार को अपनी सलाह देते रहे हैं।
सीएजी के तौर पर काम: 7 जनवरी 2008 से लेकर 22 मई 2013 तक अपने पांच साल के बतौर सीएजी अपने कार्यकाल में राय ने कई महत्पवूर्ण मामलों पर काम किया। उनके कार्यकाल में कैग द्वारा उजागर किए गए चर्चित मामलों में 2जी स्पैक्ट्रम घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम घोटाला और कोयले की खदानों के आवंटन में गड़बड़ी से जुड़ा कोलगेट घोटाला शामिल हैं।
मौजूदा दायित्व: बीसीसीआई चीफ की नयी जिम्मेदारी मिलने के पहले अब तक राय संयुक्त राष्ट्र के बाहरी ऑडिटर्स के अध्यक्ष हैं। रेलवे के एडवाइजर और रेलवे काया-कल्प काउंसिल के सदस्य भी हैं।
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नवीनतम जिम्मेदारी: विनोद राय को सुप्रीम कोर्ट की अपनी नयी जिम्मेदारी के तहत हालाकि कहा है कि उनकी भूमिका नाइटवॉचमैन की होगी, लेकिन उनसे अपेक्षा की जा रही है कि वे क्रिकेट में सुशासन, अच्छी व्यवस्था और बेहतर ढांचा तैयार करने का कार्य करें। जिससे पदाधिकारियों का सुचारू तरीके से निवार्चन सुनिश्चित हो सके और भविष्य में बीसीसीआई में अच्छा प्रशासन देखने को मिले। इस कार्य के लिए उन्हें एक टीम भी उपलब्ध कराई गयी है जिसमें इतिहासकार रामचंद्र गुहा, विक्रम लिमये औश्र पूर्व महिला क्रिकेट टीम कप्तान डायना इंदुलजी शामिल हैं।
साहित्यकार: राय एक कुशल प्रशासक ही नही अच्छे साहित्यकार भी हैं। उन्होंने अपने सीएजी के तौर कार्यकाल के दौरान हुए 2जी स्पैक्ट्रम, कृष्णा गोदावरी गैस बेसिन, कॉमनवेल्थ गेम्स और 2010 के कोलगेट घोटाले जैसे मामलों से प्रेरित होकर एक किताब भी लिखी है। इस किताब का नाम है नॉट जस्ट एन अकाउंटेंट: द डायरी ऑफ द नेशंस कांशियस कीपर।
सम्मान: विनोद राय को मार्च 2016 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
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फोर्ब्स पर्सन ऑफ द इयर: फोर्ब्स पत्रिका के जनवरी 2011 के अंक में विनोद राय को पर्सन ऑफ द इयर चुना गया था।

 

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Posted By: Molly Seth