शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। कभी अमेरिकी बाजार से प्रभावित होकर तो कभी बजट 2018 में लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स की घोषणा से शेयर बाजार डांवाडोल है। ऊपर से पीएनबी में 11500 करोड़ रुपये के घोटाले ने शेयर बाजार का खेल और बिगाड़ दिया। अब निवेशक म्‍यूचुअल फंड में अपने निवेश को लेकर चिंतित हैं। आइए जानते हैं इस नाजुक घड़ी में अपने निवेश के साथ क्‍या करना चाहिए।


गिरावट में खरीदें, तेजी में बेचेंदुनिया में सबसे बड़े निवेशक शेयर बाजार में गिरावट पर और ज्यादा निवेश करते हैं और वे बिकवाली तभी करते हैं जब बाजार अपनी ऊंचाई पर होता है। बाजार के जानकारों की मानें तो इस समय घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। इस समय बाजार में निवेश का सुनहरा मौका है। यदि आप खरीदारी नहीं करना चाहते तो कम से कम घाटे में बिक्री भी न करें। इससे आपको नुकसान होगा क्योंकि बाजार में गिरावट का यह दौर ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है।लांग टर्म गेन के लिए धैर्य जरूरी


शेयर बाजार में हमेशा छोटी अवधि के निवेश पर आम लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन लंबी अवधि के लिए निवेश करने पर आपको कभी निराशा हाथ नहीं लगेगी। बाजार से अच्छा मुनाफा पाने के लिए आपको धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। आप चुपचाप बाजार की स्थिति को देखते रहें घबराएं बिल्कुल नहीं लंबी अवधि मतलब 5 से 7 वर्ष की सोच कर चलें। कुछ दिन बाद ही हालात सुधरने लगेंगे और आपको अच्छा मुनाफा मिलेगा। एसआईपी जारी रखें।गिरावट है तो तेजी भी आएगी

2007-2008 के दौरान अमेरिकी मंदी की वजह से दुनियाभर के शेयर बाजारों में दो-तीन सालों तक गिरावट का दौर जारी रहा। निवेशकों के अरबों खरबों रुपये डूब गए। लेकिन आप गौर करें तो जो लोग बाजार में अपने निवेश के साथ बने रहे तो 5 से 7 सालों में बाजार की हालत में गुणात्मक सुधार हुआ और उन्होंने बाजार से अच्छा मुनाफा कमाया। बाजार में गिरावट और तेजी का दौर लगातार जारी रहता है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। बीएसई सेंसेकस 1 फरवरी, 2008 में 18242 अंक पर था जो सात साल बाद 20 फरवरी, 2015 को 28231 अंक पर पहुंच गया था। फिलहाल 23 फरवरी, 2018 को यह सूचकांक 34142 अंक पर बंद हुआ है। इसलिए आप धैर्य से निवेश करते हुए बाजार में तेजी के दौर का इंतजार करें।एलटीसीजी टैक्स का असर नहीं

बजट में वित्तमंत्री ने लांग टर्म कैपिटल गेन पर 10 प्रतिशत टैक्स की घोषणा कर दी। इससे भी बाजार में निवेशक चिंतित हैं। लेकिन इस टैक्स से आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह कुल रिटर्न पर जो एक लाख रुपये से ज्यादा होगा उस पर देय होगा। शेयर बाजार से जो रिटर्न मिलता है उसके मुकाबले ऐसा कोई अन्य उत्पाद नहीं है जो 10 प्रतिशत टैक्स देने के बावजूद आपको इतनी रकम बतौर रिटर्न दे सके। इसलिए लांग टर्म में निवेश अभी भी फायदे का सौदा है।
नोट : शेयर बाजार में इनवेस्टमेंट जोखिम आधारित होता है अत: इसमें निवेश करने या किसी प्रकार की खरीद-बिक्री से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर करें।

Posted By: Satyendra Kumar Singh