एक गांधी जो भुला दिए गए, सोनिया गांधी की रायबरेली सीट पर थे पहले सांसद
कानपुर। फिरोज गांधी का जन्म 12 सितंबर, 1912 को हुआ था। सरकार की आधिकारिक वेबसाइट एफजीआईईटी डाॅट एसी डाॅट इन के मुताबिक फिराेज गांधी के पिता की मृत्यु के बाद इनकी पढ़ाई इनके ननिहाल इलाहाबाद में हुई थी। फिरोज गांधी ने 1930 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था।
बेबाक अंदाज और निडरता के लिए जाने जाते थे
इसके कुछ समय बाद ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय सदस्य बन गए थे। फिरोज गांधी भारत छोड़ो आंदोलन के एक प्रमुख और सक्रिय सदस्यों में एक थे। इस दौरान इन्हें ब्रिटिश सरकार ने कई बार गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। फिरोज बेबाक अंदाज और निडरता के लिए जाने जाते थे।
1952 में संसद सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए
फिराेज गांधी एक प्रतिष्ठित पत्रकार होने के साथ ही दिल्ली और लखनऊ से प्रकाशित "द नेशनल हेराल्ड" के प्रबंध निदेशक थे। इसके अलावा वह लखनऊ से प्रकाशित पेपर के उर्दू और हिंदी संस्करण के मामलों को भी देखते थे। वह 1952 में रायबरेली से संसद सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए थे।
1942 में इंदिरा नेहरू से विवाह रचाया था
इसके बाद दूसरी बार 1957 में फिर से निर्वाचित हुए थे। फिरोज गांधी का 1942 में स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की बेटी इंदिरा नेहरू से विवाह हुआ था। फिरोज गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली को शिक्षा के माध्यम से रायबरेली को बदलने का फैसला लिया था।
फिरोज के बाद इंदिरा ने रायबरेली को अपनाया
रायबरेली के विकास के लिए एक डिग्री कॉलेज और दूसरे संस्थानों की स्थापना कराई थी। फिरोज गांधी ने 8 सितंबर, 1960 को हार्टअटैक की वजह से दुनिया को अलविदा कह दिया। इनके निधन बड़ी संख्या में लोग दुखी हुए थे। हालांकि इनके निधन के बाद इंदिरा ने रायबरेली को अपनाया था।
सोनिया गांधी सांसद का चुनाव जीत चुकी हैं
इंदिरा ने अपने पति फिरोज गांधी के अधूरे सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी बखूबी उठाई। इंदिरा ने रायबरेली में 1976 में फिरोज गांधी पॉलिटेक्निक की स्थापना कराई। बता दें आज भी रायबरेली में गांधी परिवार कब्जा है। फिरोज के बाद उनकी बहू सोनिया गांधी भी वहां सांसद का चुनाव जीत चुकी हैं।