भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी आज भले ही इस द‍ुन‍िया में नहीं हैं लेक‍िन हर नागरि‍क दि‍ल में समाई हैं। जब भी पाक‍िस्‍तान और भारत की बात होती है तो इनका ज‍िक्र सबसे पहले होता है। इनहोंने अपनी बहादुरी के बल पर पाक के दो फाड़ कर द‍िए थे। हालांक‍ि 31 अक्टूबर 1984 को इंद‍िरा गांधी अपने ही गार्ड से हारकर इस दुन‍िया को अलव‍िदा कह गई थीं। आइए आज इन आयरन लेडी की 33वीं डेथ एन‍िवर्सि‍री पर जानें इनके बारे कुछ खास बातें...


स्वतन्त्रता आन्दोलन मेंइंदिरा गांधी का पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शनी गांधी थी। इनका जन्म 19 नवम्बर, 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। इन्होंने ऑक्सफोर्ड के सोमरविल कॉलेज से पढाई की थी। देश सेवा की भावना उनके अंदर बचपन से ही थी। शायद तभी जब आक्सफोर्ड से इंडिया आने पर वह 1941 में भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में शामिल हुई थीं। बांग्लादेश का उदय


1971 में पाकिस्तान में गृहयुद्ध होने से करीब 10 लाख शरणार्थी भारत की सीमा पार कर आए। इंदिरा गांधी ने पाक को रोकने व इसकी इस चाल को फेल करने के लिए पूरी तैयार कर ली थी। ऐसे में भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू हो गया। जिसमें पाक कमजोर पड़ने लगा तो संयुक्त राष्ट्रसंघ में युद्ध विराम की अपील के लिए गया था। वहीं हिंदुस्तान की सेना ने पाक की सेना को हराकर 16 दिसंबर को भरातीय सेना ढाका पहुंची। इसके बाद यहां पर नये देश बांग्लादेश का उदय हुआ। गोली मारकर हत्या

आयरन लेडी इंदिरा गांधी को सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। इंदिरा गांधी भले ही पड़ोसी देशों से भारत को सुरक्षित करने में एक्टिव थीं लेकिन वह अपने ही घर पर धोखेबाजी का शिकार हो गई थीं। 31 अक्टूबर 1984 को उनके आवास पर तैनात दो सिक्ख अंगरक्षकों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।

Birthday special: नहीं तो भारत में ही होते 500 छोटे-छोटे देश, जानें भारत बनाने वाले पटेल की कहानीNational News inextlive from India News Desk

Posted By: Shweta Mishra