जब पूरे देश में कैशलेस ट्रांजिक्‍शन की बात हो रही है तो ऐसे में मोबाइल वॉलेट की उपयोगिता काफी बढ़ जाती है। ऐसे में आपको ये जानना जरूरी है कि मोबाइल या एम वॉलेट क्‍या है इसे कैसे इस्‍तेमाल किया जाता है और ये कितनी तरह का है।

क्या है मोबाइल वॉलेट
मोबाइल वॉलेट एक तरह से आपकी जेब में रखा हुआ आपका बैंक और पैसा दोनों है। जहां मोबाइल इंटरनेट के जरिए आप बैंकिंग कर सकते हैं जिससे आप न सिर्फ कहीं से किसी को भी पैसे भेज सकते हैं बल्कि आप किसी और से अपने खाते में पैसे मंगा भी सकते हैं। वहीं दूसरी ओर आप अपने तमाम बिलों का भुगतान इसके जरिए कर सकते हैं और खरीददारी भी कर सकते हैं। आप अपने फोन से मोबाइल वालेट के लिए रजिस्टर करवाकर 10000 रुपए तक अमाउंट लोड करके किसी भी प्रकार का पेमेंट या रिचार्ज कर सकते हैं। मोबाइल वॉलेट एक वर्चुअल वालेट होता है जिसमें रजिस्टर्ड ग्राहक एक तय राशि अपने सर्विस प्रोवाइडर के पास प्री लोड कर देता है। इस राशि से आप मोबाइल बिल भरना, पैसे भेजना, फोन रिचार्ज करना, मूवी टिकट बुक करना और ऑनलाइन या ऑफलाइन गिफ्ट भेजने जैसे काम आसानी से कर सकते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल
स्मार्टफोन के जरिए यूजर्स बैंक के बजाय पेमेंट करने के लिए मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल कर सकते है। इसके लिए आप अपना मोबाइल नंबर अपने बैंक या एटीएम के साथ रजिस्टर करें। उस बैंक का यूपीआई एप अपने मोबाइल में डाउनलोड करें। एक यूनिक आईडी बनाएं यूपीआई पिन तय कर लें। बसआप का काम हो गया अब आपका वॉलेट तैयार है जिसके जरिए आप आसानी से पैसे का लेनदेन कर सकते हैं। आप सिर्फ एसएमएस से भी कैश को अपने खाते में मंगा सकते हैं।

कितने तरह का होता है एम वॉलेट
मुख्य रूप से मोबाइल वॉलेट चार तरह के होते हैं।
1- ओपन वॉलेट: जिसमें एम पैसा एप आती है जो वोडाफोन और आईसीआई बैंक में मुख्य रूप से इस्तेमाल होती है। इसका इस्तेमाल बिना कैश के किसी कंपनी का सामान खरीदने, बिलों का भुगतान करने और फंड ट्रांसफर करने में किया जा सकता है। इसके जरिए आप अधिकतम एक लाख रुपये तक का ट्रांजिक्शन कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात ओपन वॉलेट से कैश भी निकाला जा सकता है।
2- सेमी ओपन वॉलेट: इसके जरिए यूजर्स व्यवसायियों के साथ लेन देन कर सकते हैं, जिनका उस वॉलेट कंपनी के साथ समझौता होता है। इसमें कैश नहीं विड्रॉ किया जा सकता केवल डाली गयी धन राशि एक से दूसरे के पास जाती है। इस वॉलेट में आप जितना पैसा लोड करेंगे, उतना ही खर्च कर सकते हैं। इसका एक उदाहरण एयरटेल मनी है।

3- क्लोज्ड वॉलेट: ये तरीका ई कॉमर्स कंपनियों में बेहद प्रचलित है। क्लोज्ड वॉलेट को किसी कंपनी या ऑनलाइन मर्चेंट के सामान और सर्विस के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तरह के वॉलेट से किसी तरह का कैश जमा नहीं किया जा सकता है। किसी प्रोडक्ट की वापसी या कोई ऑर्डर कैंसल होने पर अगर आपके अकाउंट में कोई रिफंड आता है तो आप उसका इस्तेमाल सिर्फ उसी मर्चेंट से खरीददारी के लिए कर सकते हैं। लाइफ स्टाइल गिफ्ट कार्ड, मैट्रो कार्ड या फ्लिपकार्ट जैसी ई कामर्स कंपनियों के साथ शॉपिंग इसी का उदाहरण हैं।
4- सेमी क्लोज्ड: मोबाइल वॉलेट इस तरह के वॉले का सबसे बड़ा उदाहरण पेटीएम है। इसके तहत आप ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं तथा कोई सर्विस भी ले सकते हैं, लेकिन इसमें आप कैश नहीं निकाल सकते।

कुछ खतरे और नुकसान भी हैं  
मोबाइल वॉलेट से जुड़े कुछ खतरे और नुकसान भी हैं जिन्हें जानना और उनसे सावधान रहना भी जरूरी है। जैसे  मोबाइल पर हम अपनी हर प्रकार की पर्सनल जानकारियां रखते हैं। ऐसे में अगर मोबाइल हैक करके कोई उन्हें चुरा ले तो ये हमारे लिए बड़ा नुकसानदायक साबित होगा। मोबाइल वॉलेट को वायरस, मैलवेयर और हैकिंग एक बड़ा खतरा हैं। दूसरे क्योकि ये सुविधा इंटनेट पर आधारित है तो यूजर्स का टेक्नोफ्रेंडली होना जरूरी है। इसके साथ इसके लिए अच्छी स्पीड वाले इंटरनेट कनेक्शन की भी जरूरत होती है। वहीं एक समस्या और भी है मोबाइल वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर से बहुत कम व्यापारी और दुकानदार लिस्टेड हैं इसलिए आपके ट्रांजिक्शन की सीमा भी सीमित है। साथ ही मोबाइल वॉलेट में प्रतिदिन के हिसाब से पैसे डिपॉजिट करने और खर्च करने की सीमा होती है।

 

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Posted By: Molly Seth