आजकल बाजार में फलों व सब्‍जि‍यों पर स्‍टीकर लगे होते हैं। हालां‍क‍ि सही जानकारी न होने से अध‍िकांश लोग स्‍टीकर वाले फलों को महंगा समझकर उन्‍हें नहीं खरीदते हैं। जबक‍ि हकीकत में ऐसा नहीं है। इन विशेष अंक वाले स्टीकर का संबंध सीधा सेहत से होता है। ये फलों की गुणवत्ता को बयां करते हैं। हर स्‍टीकर का अलग-अलग मतलब होता है। ऐसे में अब अगली बार जाएं तो इन स्‍टीकर को देखकर खरीदें बेहतर फल...


फलों पर एक पीएलयू कोड चिपका होता फलों में चिपके कई स्टीकर में उनके दाम, एक्सपायरी डेट दर्ज होती है। इसके अलावा इसमें एक पीएलयू यानी कि Price look-up code कोड होता है। यह कोड फलों की गुणवत्ता को दर्शाता है। पीएलयू कोड में एक विशेष अंक से कोड की शुरुआत होती है।गैर-ऑर्गेनिक फल की कैटेगरी में शामिलवहीं कुछ फलों में पांच अंकों की संख्या वाले स्टीकर पर कोड 8 के अंक से शुरू होता है। जैसे इन स्टीकर पर (84131) लिखा होता है। ऐसे में साफ है कि इन फलों में अनुवांशिक संशोधन किया गया है। इस तरह के फल गैर-ऑर्गेनिक फल की कैटेगरी में शामिल होते हैं। कीटनाशक और रसायनों से तैयार फल
कुछ फलों में चार अंको की संख्या वाले स्टीकर लगे होते हैं। इन स्टीकर पर जैसे (4026) लिखा होता है। इसका मतलब साफ है कि इस तरह के फल कीटनाशक और रसायनों द्वारा उगाए गए हैं। इस स्टीकर वाले फल ऑर्गेनिक फलों की तुलना में काफी सस्ते होते हैं।

 

Posted By: Shweta Mishra