कल्‍पना चावला एक ऐसा नाम जो भारत की शान होने के साथ ही बहादुरी की एक बड़ी म‍िसाल है। जहां जाने के नाम पर लोग सोचकर भी सहम जाते हैं वहां कल्‍पना ने हंसते-हंसते जाने की तैयारी की। जी हां 17 मार्च 1962 को जन्‍मी कल्‍पना चावला ने अपनी कल्‍पनाओं को उड़ान देते हुए बेशक इस दुन‍िया को अलव‍िदा कह द‍िया हो लेक‍िन ये 5 बातें कहती हैं क‍ि वो आज भी ज‍िंदा हैं...


हरियाणा में लोग आज भी कल्पना को मोंटू कहते कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल शहर में हुआ था। कल्पना के पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संज्योती था। चार भाई-बहनों में सबसे छोटी कल्पना को प्यार से मोंटू कहा जाता था। खास बात तो यह है कि हरियाणा में आज भी लोग अपनी बेटियों को जब आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं तो कल्पना के साथ उनका मोंटू नाम भी लेते हैं। 1998 में कल्पना पहली उड़ान के लिए चुनी गईं
कल्पना ने अपनी शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई थी। इसके बाद उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज का रुख किया। 1982 में यहां से ग्रेजुएशन करने के बाद वह अमेरिका चली गईं। कल्पना ने 1984 में टेक्सास यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की। इसके बाद 1995 में कल्पना ने नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं और 1998 में वह पहली उड़ान के लिए चुनी गईं। 2003 को यान क्रैश होने में कहा था अलविदा


कल्पना ने पहली उड़ान एस टी एस 87 कोलंबिया शटल से 19 नवंबर 1997 से भरी थी। इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए और पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी की थी। इस मिशन के बाद कल्पना चावला ने अंतरिक्ष के लिए दूसरी उड़ान कोलंबिया शटल से भरी थी। हालांकि इस मिशन में वापस आते समय 1 फरवरी 2003 को यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने पर क्रैश हो गया था।कल्पना आज भी लोगों की कल्पनाओं में जिंदाइस दौरान जहां पूरे देश को कल्पना जैसी जाबांज महिला को खोने का दुख हुआ वहीं गर्व भी महसूस हुआ। लोगों का मानना है कि बहादुर कल्पना आज भी लोगों की कल्पनाओं में जिंदा हैं। कल्पना अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला हैं। हालांकि कल्पना चावला ने अमेरिका की नागरिकता ले ली थी। इतना ही नहीं उन्होंने फ्रांस के जान पियर से शादी की थी। जान पियर एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे। महिलाओं को कल्पना चावला ब्रेवरी अवार्ड मिलता

कल्पना चावला के नाम पर बहादुर महिलाओं को कल्पना चावला ब्रेवरी अवार्ड दिया जाता है। इस पुरस्कार में 51,000 नकद व प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। हाल ही में हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला पर्वतारोही अनीता कुंडू तथा सुनीता सिंह को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं बॉलीवुड में कल्पना पर फिल्म बनाने की भी चर्चा हो रही है।

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Posted By: Shweta Mishra