पूर्व भारतीय कप्तान बिशनसिंह बेदी ने नागपुर के वीसीए स्टेडियम की पिच की जमकर आलोचना की है। यहां पर बेदी ने कहा है कि वह कोई बड़ी बात नहीं कर रहे हैं लेकिन जिस तरह डगलस जार्डिन को 1932-33 में बॉडी लाइन रणनीति के लिए इतिहास को जवाब देना पड़ा था उसी तरह विराट कोहली को भी इतिहास को जवाब देना होगा।

ऐसी है जानकारी
उन्होंने कहा कि वे टेस्ट क्रिकेट की स्पर्धात्मकता को खत्म कर रहे हैं। जो लोग पर्दे के पीछे रहकर इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं, उनकी वजह से विराट कोहली की भी जवाबदेही बनती है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच नागपुर के वीसीए स्टेडियम की पिच इस समय चर्चा का केंद्रबिंदु बनी हुई है। अपने समय के दिग्गज स्पिनर बेदी ने कहा कि आप चाहते हैं कि वो इसे 'होम एडवांटेज' की बात मान लें। पिच पहले दिन से ही टर्न होने के हिसाब से नहीं बनाई जाती है।
बेदी ने कहा
दिल्ली से फोन पर हुई चर्चा में बेदी ने कहा कि सख्त और उछालवाली पिच बनाने के लिए आपको विशेष तरह की मिट्टी और कुशल ज्ञान होना चाहिए, लेकिन यहां आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है। आप सिर्फ विकेट मत बनाओ और नागपुर में ऐसा ही हुआ है। उन्हें हैरत इस बात पर है कि नागपुर का यह टेस्ट मैच बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर के गृहनगर में खेला गया और इस दौरान कमेंट्री बॉक्स में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के क्रिकेट कमेटी के प्रमुख अनिल कुंबले मौजूद थे।
दूसरी पारी पर बोले ऐसा
भारतीय टीम की दूसरी पारी 173 पर सिमट गई, अब कोई भी इसके बारे में क्या कहेगा। रविचंद्रन अश्विन 12 विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच चुने गए, लेकिन बेदी का मानना है कि अश्विन चतुर गेंदबाज है और उन्हें सफल होने के लिए इस तरह के पिचों की जरूरत नहीं है। रवींद्र जडेजा को संभवत: सफलता के लिए इस तरह के पिच लग सकते हैं, लेकिन अश्विन को नहीं। बेदी ने कहा कि इस तरह के पिचों का क्या औचित्य हो सकता है। आपने भले ही दक्षिण अफ्रीका को हरा दिया, लेकिन इसके क्या मायने है। आईपीएल ने टेस्ट क्रिकेट को खत्म कर दिया है और इस तरह की पिचों से हम उसको और नुकसान पहुंचा रहे हैं।

inextlive from Cricket News Desk

 

Posted By: Ruchi D Sharma