जमशेदपुर : कोल्हान यूनिवर्सिटी चाईबासा के सीनेट हॉल में नवंबर 2017 के बाद हुए सीनेट की चौथी बैठक में सर्वसम्मति से न्यू पेंशन स्कीम को खारिज कर दिया गया। इसे पुनर्विचार के लिए सिंडिकेट को भेज दिया गया। कई कॉलेजों के शिक्षकों ने भी न्यू पेंशन स्कीम को लागू किए जाने का विरोध किया था। शुक्रवार को कुलपति प्रोफेसर डॉ। शुक्ला माहांती की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें कुलपति ने यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों का जिक्र किया। सीनेट की बैठक में कोल्हान यूनिवर्सिटी के वितीय वर्ष 2019-20 के लिए 136.78 करोड़ के बजट को पारित किया गया।

पीएचडी में गड़बड़ी पर बहस

बैठक में पीएचडी में अनियमितता और पीएचडी रेगुलेशन के मामले पर भी लंबी बहस चली। सीनेट सदस्यों ने पीएचडी में हो रहे विलंब पर रोष जताया। पीएचडी में हुई अनियमितता में संलिप्त अधिकारियों पर कारवाई की मांग की गई। रेगुलेशन 2016 पर संशय को लेकर तर्क-वितर्क चलता रहा। इस पर रजिस्ट्रार डॉ। एसएन सिंह ने कहा कि जांच कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर शोकॉज किया गया था। वहीं कौन-कौन गड़बड़ी में दोषी है। इसकी सूची यूनिवर्सिटी ने जांच कमेटी से मांगी थी। लेकिन कमेटी द्वारा सूची उपलब्ध नहीं करायी गई।

प्रमोशन पर लगाई लताड़

कई सदस्यों ने लटके प्रमोशन मामले में सरकार को आड़े हाथों लिया। कहा कि शिक्षकों के प्रमोशन के मामले में सरकार गंभीर नहीं है। कहा कि प्रमोशन पर 15 दिनों पर कार्यवाही हो सकती है, जिसे सरकार 11 वषरें में नहीं कर सकी। सीनेट मेंबरों ने उपस्थित विधायक मेनका सरदार और लक्ष्मण टुडू से प्रोन्नति को मामला सरकार के पास उठाने का अनुरोध किया। इसके अलावा सीनेट की बैठक में अब तक हुए एकेडेमिक काउंसिल, सिंडिंकेट, फाइनांस कमेटी, एक्जाम बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णयों का अनुमोदन किया गया।

सीनेट मेंबर्स के बोल

-पीएचडी गड़बड़ी पर विवि जांच कमेटी सौंप चुकी है। मामले में गंभीर विसंगतियां हैं, इसे छोड़ा नहीं जा सकता। दोषी पदाधिकारियों की पहचान होनी चाहिए।

- मनोज कुमार सिंह।

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-नैक द्वारा ग्रेड सी प्राप्त होने के बावजूद क्या यूनिवर्सिटी के पास पीएचडी कराने का प्रावधान है। इस पर रजिस्ट्रार ने कहा कि अब तक केयू को यूजीसी से कोई निर्देश नहीं मिला कि शोध बंद कर दे।

-सोनू ठाकुर

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-शोध या सेमिनार के लिए देश-विदेश जाने पर व्यय खर्च मिलना चाहिए। इसका बजट होना चाहिए। -डॉ। डीएन महतो

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-शिक्षकों का प्रमोशन लंबित है। इसका निष्पादन जल्द होना चाहिए। इससे शिक्षकों में रोष बढ़ रहा है। इस कारण कई शिक्षक एसोसिएट प्रोफेसर नहीं बन पा रहे हैं। -डॉ। विजय कुमार पीयूष।

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-शोधार्थियों का समय बर्बाद हो रहा है, यूनिवर्सिटी में उनकी फाइलें लंबित पड़ी है। वर्ष 2017 में रजिस्ट्रेशन हुए शोधार्थियों का साल बाद भी अब तक कोर्स वर्क नहीं हो सका है।

-डॉ। मुदिता चंद्रा

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-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपया किया जाए। घंटी आधारित शिक्षकों का मानदेय नियमित मिले।

- डॉ। केके कमलेंदु।

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सीनेट में रखे ये प्रस्ताव

-ग्रामीण कॉलेजों में कौशल विकास केंद्र खोले जाएं, खेलकूद का अलग से बजट बनाया जाए।

-शिक्षकों की कमी को देखते हुए स्वीकृत पदों के विरूद्ध घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली की जाएं।

-घंटी आधारित शिक्षकों को स्नातक के साथ-साथ स्नातकोत्तर में भी पढ़ाने की अनुमति देने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए।

-कोल्हान विवि में एमसीए और ईवीएस की पढ़ाई शुरू करने के लिए प्रस्ताव बनाकर उच्च शिक्षा विभाग को भेजा जाए।

- विभिन्न कॉलेजों में भवन निर्माण की योजनाओं और उन्हें लेकर की गई अनिमितता की शिकायतों के निवारण में क्या निवारण हुए, इसके लिए केयू श्वेत पत्र जारी कर सीनेट को जानकारी दे।

-सभी महिला कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरा, अलग शौचालय व पेयजल की व्यवस्था, कॉमन रूम, अलग बैंक काउंटर आदि का निर्माण किया जाए।

-सरायकेला मॉडल कॉलेज में विद्यार्थियों के नामांकन के लिए क्षेत्रीय भाषाओं के पद सृजित कर प्रस्ताव बनाकर उच्च शिक्षा विभाग को भेजा जाए।

-विभिन्न कॉलेजों में चल रहे वोकेश्नल, सेल्फ फाइनांसिंग कोर्स के कुल शुल्क का 20 प्रतिशत हिस्सा कॉलेज को दिया जाए।

Posted By: Inextlive