लड़कियों और महिलाओं की ड्रेस को लेकर हमेशा विवाद होता आया है। ऐसा ही एक ताजा मामला कोलकाता के प्रतिष्‍ठित कॉलेज में सामने आया। जहां लड़कियों के मिनी स्‍कर्ट पहनने पर रोक लगा दी गई है।

कॉलेज में चस्पा नोटिस
कोलकाता के प्रतिष्ठित स्कॉटिश चर्च कॉलेज के छात्राओं को उस समय आश्चर्य हुआ जब उन्होंने नोटिस बोर्ड पर ड्रेस कोड से संबंधित नोटिस चिपका हुआ पाया। नोटिस में कॉलेज प्रशासन ने गोल गले की टीशर्ट और छोटी व कटी हुई स्कर्ट्स पहनने पर रोक लगा दिया है। कॉलेज प्रशासन के इस फैसले की छात्राओं और शिक्षाविदों ने निंदा की है। कॉलेज प्रशासन द्वारा लगाए गए नोटिस में लिखा है कि कॉलेज पहनकर आने वाले परिधानों से सीखने के माहौल की गंभीरता और महत्व परिलक्षित होना चाहिए। इसीलिए परिसर में छात्रों की पोशाक नम्रता, स्वच्छता और सुरक्षा पर आधारित होने की उम्मीद है।
कैसा है तुगलकी फरमान
नोटिस के अनुसार, कॉलेज सिफारिश करता है कि छात्राएं ऐसी अपरंपरागत और साधारण पोशाक में कॉलेज आएं जो कि शैक्षिक वातावरण के लिए उपयुक्त हों। कैप्शन लिखे टी-शर्ट्स अथवा टॉप्स पर प्रतिबंध लगाने के अलावा कॉलेज द्वारा लगाए नोटिस में लिखा है कि केवल पूरी लंबाई वाली पतलून और घुटनों तक लंबी स्कर्ट्स पहनकर ही छात्राएं कॉलेज आ सकती हैं। लड़कों के बालियां और स्टड पहनने पर भी रोक लगाते हुए कॉलेज प्रशासन ने कहा कि साड़ी और सलवार कमीज भी अच्छे ढंग से पहनी जानी चाहिए।

कड़ा विरोध जताया

छात्राओं के एक समूह का दावा है कि उनसे बिना परामर्श किए उन पर यह तालिबानी ड्रेस कोड थोपा जा रहा है। सोमवार को इस फैसले के खिलाफ छात्र संगठन विरोध प्रदर्शन करेंगे। इनके अलावा शिक्षाविदों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी कॉलेज प्रशासन के इस फैसले की निंदा की है। शिक्षाविद पवित्र सरकार का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से छात्रों की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। इस तरह के फरमान, कॉलेज के सत्तावादी रवैये को दर्शाते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मिरातुन नाहर ने कहा कि इस युग में कॉलेज के छात्राओं पर उनकी पोशाक के बारे में फरमान जारी करना गैरजरूरी है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari