- आपदा प्रबंधन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी व्यास जी ने कहा, कभी भी शिविर में आना पड़ सकता है वापस

PATNA: कोसी आपदा का खतरा फिलहाल नहीं है, क्योंकि नेपाल में सुनकोसी के पास जहां भू-स्खलन हुआ था, वहां जमा जलराशि को निकालने के लिए संडे को सुबह जो तीन होल्स बनाकर पानी का रेगुलेटेड डिस्चार्ज किया जा रहा था, उसी होल्स को थोड़ा और चौड़ा कर दिया गया, ताकि पानी का रेगुलेटेड फ्लो जारी रहेगा। ऐसा कहा है आपदा प्रबंधन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी व्यास जी ने। उन्होंने बताया कि ऐसा करने से अकस्मात जल प्रलय की स्थिति नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि पुनर्समीक्षा के बाद सहरसा, सुपौल और मधेपुरा में भी आबादी निष्क्रमण का कार्य फिलहाल रोक दिया गया है।

जब तक रहना चाहें शिविर में रहें

आपदा प्रबंधन डिपार्टमेंट ने कहा है कि प्रशासन की ओर से संचालित शिविरों में लोग स्वेच्छापूर्वक जब तक रहना चाहेंगे, तब तक उनका ख्याल रखा जाएगा। बताया गया कि फ्लड सीजन को देखते हुए सरकार द्वारा प्रिपेयर्डनेस और रेडीनेस की कोई कमी नहीं रहने देगी। व्यास जी ने कहा कि अगर आकस्मिक आपात स्थिति भी आए तो उसका सामना मजबूती से किया जा सकेगा, क्योंकि जब तक नेपाल में भूस्खलन स्थल पर जल राशि जमा है, तब तक आपदा को टला हुआ नहीं माना जा सकता। कैंप से जो लोग वापस आ रहे हैं, उन्हें अगाह करते हुए लौटाया जा रहा है कि संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। अल्प सूचना पर भी आना पड़े तो तुरंत कैंप में आ जाएंगे।

कोसी का वाटर फ्लो क्.क्भ् मिलियन क्यूशेक

आपदा प्रबंधन डिपार्टमेंट ने बताया कि कोसी में वाटर फ्लो क्.क्भ् लाख क्यूसेक है और केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक क्0 मिलियन क्यूबिक मीटर से ज्यादा पानी जमा नहीं है। इसकी गहराई ब्0 मीटर है। सरकार अभी भी पूरी तरह मुस्तैद है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ सहित सेना लगातार बनी हुई है।

Posted By: Inextlive