श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व नजदीक है। 11 से 12 अगस्त तक पूरे देश में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव पूरे धूमधाम से मनाया जाएगा। चूंकि इस समय कोरोना संकट चल रहा है। ऐसे में दिल्ली और गोवा सरकार ने उत्सव के लिए गाइडलाइन जारी की है।

नई दिल्ली/ पणजी (एएनआई)। कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर एहतियात के तौर पर, राष्ट्रीय राजधानी में इस्कॉन मंदिर में 12 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन भक्तों (आम लोगों) को जाने की अनुमति नहीं होगी। इस्कॉन, नई दिल्ली के उपाध्यक्ष व्रजेन्द्र नंदन दास ने एएनआई को बताया, "इस वर्ष COVID-19 के कारण भव्यता कम हो गई है। प्रवेश सीमित निमंत्रण के आधार पर होगा। हम सभी भक्तों से निवेदन करते हैं कि वे हमारे साथ वर्चुअल जुड़े रहें।'

दिल्ली के इस्काॅन में आम भक्त नहीं कर पाएंगे दर्शन
कोरोना वायरस महामारी संबंधी आवश्यकताओं के बाद, मंदिर के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग का आयोजन किया जाएगा और साथ ही साथ हैंड सैनिटाइजर भी उपलब्ध होंगे। इस बार मंदिर के अंदर सिर्फ खास और चुनिंदा लोगों को ही जाने की अनुमति है। हालांकि पहले अधिकारी जन्माष्टमी पर आगंतुकों के लिए पांच द्वार खोलते थे, लेकिन इस बार आमंत्रित लोग गेट नंबर 4 से प्रवेश करेंगे।

विदेशी फूलों से नहीं हो पाएगी सजवाट
व्रजेन्द्र नंदन दास ने कहा, "हम मुख्य रूप से मंदिर को सजाने के लिए विदेशों से फूल प्राप्त करते थे क्योंकि वे लंबे समय तक ताजा रहते हैं, हालांकि, इस बार हमें ज्यादातर स्थानीय बाजारों और कुछ अन्य राज्यों से फूल मिल रहे हैं।" मंदिर के अधिकारियों ने परिसर के अंदर भोजन नहीं परोसने का फैसला किया है, बल्कि वे भक्तों को पैक भोजन प्रदान करेंगे। 11 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी से पहले दिल्ली में इस्कॉन मंदिर में तैयारी चल रही है और दिल्ली में इस्कॉन मंदिर 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएगा।

पणजी में दही-हांडी पर प्रतिबंध
गोवा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीडीएमए) ने जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी समारोह के दौरान कोरोना वायरस प्रकोप को देखते हुए दिशानिर्देश जारी किए हैं। गाइडलाइन के अनुसार, संबंधित निकायों द्वारा बाजारों की निगरानी की जाएगी। पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि सामाजिक दूरी के मानदंडों को बनाए रखा जाए। जन्माष्टमी के उत्सव के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जिले भर में 'दही हांडी' नहीं होगी। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि त्योहारों के लिए वस्तुओं की बिक्री करने वाले बाजारों की निगरानी स्थानीय निकायों और पुलिस द्वारा की जाएगी ताकि सामाजिक सुरक्षा के मानदंडों को बनाए रखा जा सके। भीड़ को रोकने के लिए बिक्री का समय लंबा और स्थिर होना चाहिए।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari