JAMSHEDPUR: कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के नए परीक्षा नियंत्रक पर फैसला लेना आसान नहीं है। इसके लिए कई शर्ते हैं। 15 साल का शैक्षणिक अनुभव, उम्र 60 वर्ष से कम हो आदि। इन शर्तों को पूरा करने वाला शिक्षक मिल भी गया तो इसकी अनुशंसा राजभवन करेगा। नए परीक्षा नियंत्रक बनने के लिए तीन शिक्षक कोशिश में हैं। तीनों कॉलेजों में परीक्षा नियंत्रक के पद पर कार्यरत हैं। इधर वर्तमान परीक्षा नियंत्रक डॉ। पीके पाणि के मामले में लियेन (ग्रहणाधिकार) को ब्रेक करने के लिए सोमवार को सिंडिकेट की बैठक बुलाई गई है। चूंकि सिंडिकेट ने ही उनके चार साल के लियेन का अनुमोदन किया था, इस कारण ब्रेक भी इसी सदन को करना है।

वीसी लेंगी फैसला

कोल्हान के नए परीक्षा नियंत्रक को लेकर विश्वविद्यालय भी पशोपेश है। पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ। पाणि को लेकर भी विश्वविद्यालय ने ऑप्शन खुला रखा है। ऐसा भी हो सकता है कि डॉ। पाणि को वर्कर्स कॉलेज में तीन-चार दिनों के लिए पदस्थापित कर उन्हें वापस परीक्षा नियंत्रक पद के लिए विश्वविद्यालय बुला लिया जाए। इस संबंध में केयू की वीसी को फैसला लेना है।

एक्सएलआरआइ में सिग्नस कार्यशाला

एक्सएलआरआइ जमशेदपुर में सिग्नस कार्यशाला के दूसरे दिन रविवार को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) लैब का उद्घाटन हुआ। यह बिजनेस स्कूल में देश का पहला लैब है। इसका उद्घाटन आइसीटी के डीजीएम शैलेंद्र सिंह ने किया। इस लैब का इस्तेमाल टाटा स्टील समेत विभिन्न कंपनियां अपनी समस्याओं के समाधान लिए समय-समय पर करेगी। इस कार्यक्रम के बाद व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। इसमें आइआइटी के प्रोफेसर सुरोजीत कुमार पॉल ने आइओटी पर व्याख्यान दिया। इसके उपयोग के बारे में विस्तार से बताया। बताया कि आने वाला दिन आइओटी का है। इस कारण इसमें ध्यान देने की जरूरत है। जिस तरह से कंप्यूटर की आवश्यकता पूरे विश्व में है, उसी तरह की आवश्यकता आइओटी की भी होगी।

Posted By: Inextlive