-इसलिए कुंभ मेले के लिए चल रही तैयारी दिखाई नहीं दे रही

ALLAHABAD: कुंभ मेला 2019 को लेकर डेवलपमेंट वर्क शहर की सड़कों पर ही नहीं बल्कि इलाहाबाद जंक्शन के साथ ही आस-पास के स्टेशनों पर भी कराया जा रहा है। सड़क पर हो रहा काम रफ्तार पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है, जिसकी वजह से पब्लिक को समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। वहीं रेलवे की मेन साइट पर शहर की सड़कों की तरह हलचल न दिखने पर सवाल खड़ा किया जा रहा है कि काम समय से पूरा हो पाएगा कि नहीं?

तेजी से काम

पानी टंकी आरओबी के बगल में बन रहे एक और आरओबी का पूरा काम राज्य सेतु निगम करा रहा है, लेकिन रेलवे लाइन के ऊपर का काम रेलवे को कराना है। जिसके लिए कुल पांच गार्डर रखा जाना है। रविवार को दोपहर 2.20 से शाम 4.20 तक दो घंटे का ब्लॉक लेकर तीन 30-30 मीटर के तीन बड़े-बड़े गार्डर लांच किया गया। इस दौरान सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस जंक्शन से पहले खड़ी रही। वहीं 10 मालगाडि़यां भी प्रभावित हुई। गार्डर लांच करने के लिए 400 और 300 टन की दो भारी क्रेन मंगाई गई थी।

प्लेटफार्म पर स्काई वॉक का पिलर

कुंभ मेला 2019 को लेकर इलाहाबाद जंक्शन पर स्काई वॉक बनना है, जिसे अक्टूबर 2018 तक हर हाल में पूरा करना है। लेकिन वर्तमान समय में प्लेटफार्म पर स्काई वॉक का बस केवल पिलर ही दिखाई दे रहा है। इस वजह से सवाल खड़ा किया जा रहा है कि कुंभ तक स्काई वॉक तैयार हो पाएगा कि नहीं?

विश्रामालय का दिख रहा ढांचा

इलाहाबाद जंक्शन एरिया में बन रहे विश्रामालय का केवल ढांचा ही तैयार हुआ है। विश्रामालय समय से पूरा हो पाएगा कि नहीं, इसको लेकर भी सवाल उठाया जा रहा है।

इसका मतलब नहीं कि काम नहीं हो रहा

इन सबको लेकर रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सड़क पर हो रहे अन्य काम और रेलवे के काम में बहुत अंतर है। अन्य विभागों के काम जहां मेन साइट पर होते हैं, वहीं रेलवे का काम मेन साइट से अलग होता है। इसलिए दिखाई नहीं देता है कि काम हो रहा है या नहीं। रेलवे की टेक्नोलॉजी सबसे अलग है।

अब तक हुए प्रमुख काम

-दादरी में पिछले दिनों रेलवे ने इंटर लॉकिंग का काम किया। तीन किलोमीटर लंबे यार्ड की इंटर लॉकिंग बस केवल 150 मिनट यानी ढाई घंटे में की गई।

-वाशेबल एप्रेन का निर्माण 60 दिन में कराया जाना था, जिसे 48 दिन में ही पूरा करा लिया गया।

रेलवे के काम की तकनीक, योजना और क्रियान्वयन तीनों उच्च श्रेणी के हैं। इसमें काफी काम एक्चुअल साइट से अलग से होता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि काम नहीं हो रहा है।

-गौरव कृष्ण बंसल, सीपीआरओ एनसीआर

Posted By: Inextlive