- क्राइम ब्रांच की टीम ने सौरभ को बिहार के किडनैपर्स मुक्त कराया

- पुलिस ने दो बदमाशों को दबोचा, चार की तलाश जारी

- पर परिस्थितियां खड़े कर रही हैं कई सवाल

ALLAHABAD: मेजा से किडनैप हुए डॉक्टर सौरभ राय को क्राइम ब्रांच की टीम ने बदमाशों के चंगुल से मुक्त करा लिया। इस आपरेशन में क्राइम ब्रांच की टीम ने दो बदमाशों को दबोच लिया जबकि चार वहां से भाग निकले। बदमाशों के चंगुल से छूटने के बाद डॉक्टर सौरभ ने मंगलवार को पुलिस लाइंस में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया को आपबीती सुनाई।

सर्विलांस से मिली मदद

एसएसपी वीरेन्द्र कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया को बताया कि केस को सॉल्व करने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम सर्विलांस की मदद से बदमाशों को ट्रेस करने में जुटी थी। चंदौली से लेकर बिहार तक बदमाशों की लोकेशन मिल रही थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने जाल बिछाया और बदमाशों को फिरौती का पैसा देने के लिए बुलाया। इस दौरान पुलिस टीम ने सोनार का तारा के पास से किडनैपर मनोज और अजीत मिश्रा को दबोचते हुए सौरभ को इनके चंगुल से छुड़ा लिया। इस आपरेशन में क्राइम ब्रांच प्रभारी विनोद सिंह, सर्विलांस प्रभारी डॉक्टर संजय सिंह, कांस्टेबल जल्फरनैन, साबिर, दीपक व पवन सिंह महत्वपूर्ण भूमिका रही।

लखनऊ से ही सेटिंग

पुलिस रिकार्ड के मुताबिक डॉक्टर सौरभ अपनी मां व वाइफ को लेकर लखनऊ में सेटल था। मार्च महीने में करछना के रहने वाले अमित श्रीवास्तव से सेटिंग कर मनोज श्रीवास्तव ने डॉक्टर महेन्द्र अग्रवाल के नाम से सौरभ से फोन पर बात की। कहा कि उसे नर्सिग होम खोलना है। उसके लिए मेजा में जमीन चाहिए। बातचीत में तय हुआ कि सौरभ ख् अप्रैल को अपने घर पहुंचेगा। फिर वहीं मुलाकात होगी। हुआ भी यही। ख् अप्रैल की शाम बदमाश सौरभ के घर पहुंचे और बातचीत के लिए बुला लिया। फिर उसे अपने साथ गाड़ी में किडनैप करके निकल गए। रात में तीन बजे सौरभ की मां के मोबाइल पर बदमाशों ने फोन किया और क्भ् लाख रुपए की फिरौती मांगी थी।

सौरभ ने सुनाई आपबीती

बदमाशों के चंगुल से छूटे सौरभ ने बताया कि बदमाशों ने उसे प्रापर्टी की बात करने के लिए बुलाया था। फिर उसे गाड़ी में बैठाकर किसी अंजान जगह ले गए। वहां पर बताया कि गया कि उसे किडनैप किया गया है। पिस्टल से लैश बदमाशों ने कहा कि अगर शोर मचाया तो यहीं पर गाड़ी चढ़ाकर मार देंगे। बदमाश उसे पहाड़ी इलाके में ले गए। सौरभ की माने तो वहां पर खाने पीने की पूरी आजादी थी। मां से बात भी करा देते थे।

अरेस्टेड

क्-मनोज श्रीवास्तव उर्फ डॉक्टर महेन्द्र -गाजीपुर यूपी

ख्-अजीत मिश्रा उर्फ डिंपल -कैमूर बिहार

वांटेड

क्-अनिल मिश्रा उर्फ रिंकू -कैमूर बिहार

ख्-भोनू सिंह -कैमूर बिहार

फ्-बब्लू सिंह -चंदौली यूपी

ब्-सत्येन्द्र पासवान -कैमूर बिहार

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लेकिन इन सवालों का क्या

- सौरभ बदमाशों के चंगुल में होने के बाद भी हंस हंस कर बात कर रहा था

- वह अपनी मां से यही कह रहा था कि वह ठीक है

- बदमाश उसे खाना पीना दे रहे हैं, कोई परेशानी नहीं

-चंगुल में होने के बाद भी वह दाढ़ी बनवाने के लिए बाहर ले जाया गया

- बदमाशों ने उसे शॉपिंग करने की आजादी दी

- सौरभ अपने लिए स्लीपर भी खरीदने निकला

- मां को फोन पर वाइफ की ज्वैलरी न देने की बात कही

- जब उसे इतनी आजादी थी तो वह बदमाशों के चंगुल से भागा क्यों नहीं

- आखिर इस केस में उसका कजिन प्रवीण कहां से आया

- खुलासे के बाद भी प्रवीण का कुछ पता क्यों नहीं चला

- अगर बदमाश बाहरी थे तो उनका प्रवीण से क्या कनेक्शन था

- क्राइम ब्रांच टीम ने सराहनीय काम किया है। टीम को पांच हजार रुपए इनाम दिया जा रहा है। पुलिस के खुलासे में प्रवीण का कोई रोल नहीं है।

वीरेन्द्र कुमार

एसएसपी

Posted By: Inextlive