- टॉपर्स बोले, एक जैसी होनी चाहिए थी मेडल पाने वालों की ड्रेस

- स्टूडेंट्स ने गाउन पहनकर ग्राउंड में खींचे फोटो

Meerut- सीसीएस यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह के दौरान टॉपर्स में जहां एक ओर मेडल पाने की खुशी थी। वहीं दूसरी और उनके चेहरे पर ड्रेस कोड को लेकर मायूसी भी दिखी। टॉपर्स का कहना था कि गाउन हटा वो अच्छी बात हैं, लेकिन सभी टॉपर्स की ड्रेस एक जैसी होनी चाहिए थी। वहीं मेडल पाने के बाद अपने ऐम के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें खुशी का भी एहसास हो रहा थी।

स्टूडेंट्स दिखे मायूस

टॉपर्स को मेडल मिलने की खुशी होने के साथ ही उनके चेहरे पर थोड़ी मायूसी भी थी। उनके अनुसार ड्रेस भले ही भारतीय होती, लेकिन सभी की ड्रेस एक जैसी होनी चाहिए थी। अलग-अलग ड्रेस में पहुंचे टॉपर्स आपस में यहीं चर्चा कर रहे थे कि इससे तो गाउन ही अच्छा था। उनके अनुसार एक जैसी ड्रेस होती तो पता टॉपर्स का अलग ही पता लगता। लेकिन अब तो ड्रेस कोड ही नहीं है इसलिए गाउन को मिस कर रहे हैं।

गाउन पहनकर दिखे खुश

गाउन की कमी होने के बाद अपने गाउन पहनने की चाह को पूरा करते टॉपर्स भी दिखे। ऐसे स्टूडेंट को भले ही उनके टॉपर बनने पर गाउन पहनकर मेडल न मिला हो, लेकिन वो ग्राउंड में गाउन पहनकर अपनी इस चाह को पूरा कर रहे थे। इनमें एक डिलिट उपाधि प्राप्त करने वाले डॉ। जयवीर सिंह जिन्होंने फैक्लटी आफ आर्ट से डिलिट उपाधि प्राप्त की है और वह पॉलिटीकल सांइस डिपार्टमेंट में हैं। उन्होंने परिसर में रेड गाउन पहनकर अपनी खुशी का इजहार किया। वहीं कुछ अन्य भी ऐसे स्टूडेंट टॉपर दिखे जो अपने गाउन पहनने की इच्छा को बाहर पूरा कर रहे थे।

गोल्ड मेडल विनर, शालू कनोहर लाल कॉलेज की हिंदी की टॉपर हैं। वह अब एक अच्छी प्रोफेसर बनकर अपनी टीचर की तरह पढ़ाना चाहती हैं। उसका कहना था कि गाउन हट गया अच्छी बात है। लेकिन भारतीय ड्रेस भी रखनी थी तो एक जैसी होनी चाहिए थी।

शालू, टॉपर

एमए ड्राइंग की गोल्ड मेडिलिस्ट शैली भारत का सपना सीसीएस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बनने का है। उसका कहना है कि गाउन हटने के बाद अब सभी अलग-अलग ड्रेस में आए हैं तो गाउन की कमी महसूस हो रही है। उसके अनुसार गाउन न सहीं तो भारतीय परिधान में भी सभी को एक जैसा ड्रेस कोड मिलना चाहिए था।

शैली, टॉपर

Posted By: Inextlive