-वार्ड-25 के इस क्षेत्र में चोक पड़ी सीवर लाइन

-डंपिंग ग्राउंड में तब्दील हुई क्षेत्र की हरित पट्टी

-नगर निगम को हैंड ओवर नहीं क्षेत्र, निगम बेखबर

Meerut: वार्ड-25 पड़ने वाले क्षेत्र गंगानगर-जे ब्लॉक में सुविधाओं को शून्य और असुविधाओं को सौ में सौ नंबर दिए जा सकते हैं। इस वार्ड में मेयर का निवास है। इस तथाकथित वीआईपी वार्ड में जगह-जगह बदहाली का आलम है। यहां के लोगों को सुविधाओं को नाम पर चोक पड़ी सीवर लाइन और गंदगी व टूटी सड़क जैसी समस्याओं का दुख भोगना पड़ रहा है। पानी से लेकर गंदगी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं यहां के लोगों के लिए दुश्वारी बन चुकी हैं। हालांकि इस क्षेत्र के जागरुक लोगों ने मूलभूत सुविधाओं के लिए शिकायतों और प्रार्थना पत्रों से लेकर धरना प्रदर्शन तक किए, लेकिन परिणाम सिफर ही रहे।

'जे' ब्लॉक का सच

दरअसल, गंगानगर स्थित गंगानगर का 'जे' ब्लॉक यहां के लोगों के लिए नरक का द्वार बन चुका है। यहां दस साल पुरानी सीवर लाइन पूरी तरह से या चोक हो चुकी हैं या फिर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। बदहाली का आलम यह है कि घरों का पानी लाइन से निकल का सड़कों या खाली प्लाटों में भर जाता है। इससे आस-पास के क्षेत्र में कीचड़ व जलभराव जैसे हालात पैदा हो जाते हैं। हालांकि संबंधित विभागों की लापरवाही के चलते यहां के लोगों ने खुद खर्च उठाकर काम भी कराया, लेकिन समस्या का स्थाई समाधान न हो सका।

नगर निगम को नहीं हैंड ओवर

लंबे समय से मुसीबत का दंश झेल रहे यहां के लोगों की बड़ी समस्या मेरठ विकास प्राधिकरण और नगर निगम हैं। दरअसल, क्षेत्र की समस्या से आजिज लोग जब नगर निगम के अफसरों से मिलते हैं तो वो कालोनी हैंड ओवर न बताकर इसको एमडीए की जिम्मेदारी बता देते हैं। वहीं दूसरी ओर एमडीए अफसर निगम द्वारा क्षेत्र में वसूले जा रहे टैक्स की बात कह कर पूरा मामला निगम अफसरों पर टाल देते हैं। अब इन लोगों यह नहीं पता कि उनकी समस्या का समाधान कौन से विभाग से होना है।

टूटी पड़ी सड़कें

जे ब्लॉक की सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। टूटी सड़कों और बदहाली के लिए कौन जिम्मेदार है? इसके जवाब में पार्षद दिनेश कुमार मौजूदा मेयर और उनके खास पार्षदों को दोषी ठहराते हैं। उनका कहना है कि विपक्षी दल समर्थित होने के कारण उनकी बात को तवज्जो नहीं दी जाती। पूरे क्षेत्र की सड़कें उखड़ कर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं।

हरित पट्टी बनी डंपिंग ग्राउंड

मेरठ विकास प्राधिकरण ने यहां जो एरिया ग्रीन बेल्ट के लिए डेवलप किया था। वह अब दुर्दशा की कहानी कह रहा है। विकास के अभाव में नरक बनी ग्रीन बेल्ट में अब आवारा पशुओं के विचरण के अलावा आस-पास के लोग कूड़ा करकट डाल जाते हैं। वहीं दूसरी चोक पड़ी सीवर लाइन से रिसता पानी यहां आकर इकठ्ठा हो जाता है, जिससे उठने वाली दुर्गध लोगों का रहना दुश्वार कर देती है।

हमारा क्या कसूर है

काफी समय से यहां की सड़कें टूटी पड़ी हैं। कोई सुध लेने को तैयार नहीं है। पार्षद से भी कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुधार नहीं हो पाया।

मुकुल मित्तल

यहां की मुख्य समस्या चोक पड़ी सीवर लाइन हैं। पानी की निकासी पूर्ण रूप से बंद हो गई है। घरों से निकलने वाला पानी सड़कों या फिर कच्ची जमीन में इकठ्ठा हो जाता है।

अरविंद चौधरी

नगर आयुक्त से लेकर मेयर तक कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। यह आलम तो तब है जब इसी वार्ड में मेयर का घर भी है।

आकाश गर्ग

मेयर, नगर आयुक्त या कोई भी अधिकारी आज तक यहां निरीक्षण करने नहीं आया। इसलिए यहां की समस्याओं का आज तक कोई निस्तारण नहीं हो पाया। निस्तारण नहीं हुआ तो धरना-प्रदर्शन करेंगे।

एके गर्ग

क्षेत्र की समस्या को लेकर नगर आयुक्त से मिला। अखबारों में छपी बदहाली की खबरों का हवाला देकर विकास कार्य कराने की मांग की। नगर आयुक्त ने एक्सईएन सूरजपाल को कार्य सौंपा है।

दिनेश कुमार, स्थानीय पार्षद

क्षेत्र के विकास को लेकर नगर आयुक्त से वार्ता करुंगा। जल्द से जल्द सड़क का निर्माण कराया जाएगा। यदि मामला एमडीए से जुड़ा है तो एमडीए उपाध्यक्ष से भेंट करुंगा।

हरिकांत अहलूवालिया, मेयर

चीफ इंजीनियर से बोलकर पूरा मामला दिखवाता हूं। एमडीए के पक्ष से जो कार्य कराए जाने हैं उनको यथाशीघ्र काराया जाएगा।

राजेश कुमार, वीसी एमडीए

Posted By: Inextlive