- कचहरी के गेट पर कोई चेकिंग व्यवस्था नहीं

- मेटल डिटेक्टर तक की कोई व्यवस्था नहीं

- मारने के इरादे से कोई भी कर सकता है एंट्री,

- कचहरी में दिन गुजारने वाले लोग भी नहीं हैं सजग

Meerut : मेरठ की कचहरी में इंसाफ की गारंटी जरूर है, लेकिन इसी कचहरी में जिंदगी की कोई गारंटी नहीं है। शुक्रवार को नितिन पर हुए हमले में ये साफ भी हुआ है। भीड़ भरे स्थल पर बदमाशों ने गोलियां बरसाकर नितिन का कत्ल कर दिया और फिर आसानी से फरार भी हो गए। ऐसे में कचहरी की सुरक्षा में खोट तो दिखाई पड़ती ही है, साथ ही यहां पर पूरा दिन गुजारने वाले लोग भी आंख मूंदे नजर आते हैं।

नहीं है गेट पर कोई सुरक्षा

कचहरी परिसर में दाखिल होने के लिए कुल मिलाकर, छह गेट हैं, जिनसे कचहरी में दाखिल हुआ जा सकता है, लेकिन इन सभी गेट पर कहीं भी मेटल डिटेक्टर नहीं लगा है। न ही पुलिसकर्मियों के यहां पर लोगों की चेकिंग करने की व्यवस्था है, जिससे कोई भी हथियार लेकर अंदर दाखिल हो सकता है।

वाहन लेकर कोई भी घुस जाता है

कचहरी परिसर में आम वाहन लाना प्रतिबंधित है। ऐसे में ये वाहन बाहर बनी पार्किंग में खडे़ होने चाहिए। इसके बावजूद कचहरी में कई वाहन खड़े मिलते हैं, जिससे कचहरी लोगों के लिए कितनी सुरक्षित है इसका पता चलता है।

पुलिस वालों की बड़ी लापरवाही

कैदियों को पेशी पर लाए सिपाही भी कचहरी में सुरक्षा को खत्म करते हैं। कचहरी में पेशी पर ले जाते समय, सिपाही पैसों के लालच में कैदियों को उनके परिवार साथ ही अंजान लोगों से भी मिलने देते हैं। जो बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। कैदी ऐसे में किसी भी गलत सूचना का आदान-प्रदान कर सकते हैं। वहीं एक कैदी की सुरक्षा मात्र दो सिपाही करते हैं। जो उसको हथकड़ी लगाकर कोर्ट तक ले जाते हैं।

ये बंदूक किस काम की

पुलिस महकमे में सिपाहियों को बंदूकें दे रखी हैं, लेकिन ये बंदूकें कब चलती हैं, इसे खुद सिपाही भी याद नहीं कर पाएंगे। ऐसे में जब ये सिपाही कैदी को ले जाते हुए उसकी सुरक्षा ही नहीं कर सकते, तो फिर पुलिस के पास मौजूद ऐसे हथियारों का फायदा ही क्या?

यहां कोई सजग नहीं है

बेशक आज के समय में किसी के पचड़े में टांग अड़ाना सही नहीं है, लेकिन कचहरी में घटना की ठीक जानकारी देने में भी यहां के लोग हिचकिचाते हैं, जो मानवता के खिलाफ नजर आता है। शुक्रवार को भी जब नितिन की सरेराह हत्या कर दी गई, तो यहां टाइपराइटिंग करने वाले, होटल चलाने वाले, यहां तक की वकीलों ने भी इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। इससे साफ है कि यहां के लोग कितने सजग है। ऐसे में इन लोगों से उनकी आंखों के सामने भाग रहे बदमाशों को पकड़ने की उम्मीद करना तो दूर की बात है।

सुरक्षा व्यवस्था की खामियां

कचहरी परिसर में करीब फ्भ्0 पुलिस कर्मियों की ड्यूटी रहती है, लेकिन चौकाने वाली बात ये है कि इन फ्भ्0 पुलिस कर्मियों का फायदा ही क्या, जब ये सुरक्षा नहीं कर सकते हैं। ये पुलिस कर्मी आराम फरमाते नजर आते हैं और घटना हो जाने पर पहुंचते हैं। और जब नितिन को साथ ले जा रहे दो सिपाही ये कहकर भाग गए कि भाई तू अपनी सुरक्षा खुद कर ले, तो फिर दूसरे पुलिस कर्मियों से क्या उम्मीद की जाएगी?

कचहरी की सुरक्षा पर सवाल तो खड़ा हुआ है। लेकिन अब नए सिरे से कचहरी में सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। जिससे आने वाले समय में यहां कोई घटना नहीं हो सके।

-ओंकार सिंह, एसएसपी

Posted By: Inextlive