-सास ससुर से झगड़ा कर दो साल के बेटे व नौ माह की बेटी संग विश्वसुन्दरी पुल से गंगा में कूदी महिला

-मल्लाहों ने महिला को बचाया, दोनों बच्चों का नहीं चला पता, NDRF को भी खोजबीन में नहीं मिली सफलता

VARANASI

घर पर सास ससुर से झगड़ा कर अपने दो मासूम बच्चों संग विश्वसुन्दरी पुल से एक महिला ने रविवार की दोपहर गंगा में छलांग लगा दी। यह कदम उठने वाली महिला को तो नीचे मौजूद मल्लाहों ने बचा लिया लेकिन बच्चों का कोई पता नहीं चलने पर एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया। लेकिन काफी खोजबीन के बाद भी दोनों बच्चों को ढूंढ पाने में टीम को सफलता नहीं मिली।

बस से पहुंची पुल तक

लंका थाना क्षेत्र स्थित विश्व सुन्दरी पुल के पास चैनपुर दुर्गावती बिहार की रहने वाली सुमन पासवान रविवार को दोपहर बाद अपने दो साल के बेटे चंदन और नौ माह की बेटी साक्षी को लेकर बस से पहुंची। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुल के पास पहुंचने के बाद सुमन वहां मौजूद चाय की दुकान पर बैठ गई और काफी देर तक खोई खोई सी रही। इसी बीच वह अपने दोनों बच्चों को लेकर उठी और पुल पर पहुंचकर वहां से पहले बेटे चंदन को और फिर बेटी साक्षी को नीचे गंगा में फेंक दिया। ये देख जब तक लोग कुछ समझ पाते कि तभी सुमन ने भी गंगा में छलांग लगा दी।

मल्लाह की पड़ी नजर

ये घटना होते ही पुल के नीचे मौजूद मल्लाह महेश ने गंगा में कूद पड़ा और उसने सुमन को तो बचा लिया लेकिन दोनों मासूम बच्चे नहीं मिले। इसके बाद भी मल्लाह उनकी तलाश में काफी देर जुटे रहे लेकिन दोनों का कोई पता नहीं चला। इस बीच सूचना पाकर पुलिस संग एनडीआरएफ की टीम भी वहां पहुंची और बच्चों को खोजने में जुट गई लेकिन सफलता नहीं मिली।

किचकिच ने कर दिया मजबूर

बचाये जाने के बाद सुमन रोते रोते बेहोश हो जा रही थी। उसे इस बात का पछतावा था कि उसकी नासमझी ने दोनों बच्चों को उससे दूर कर दिया और उसे कुछ नहीं हुआ। सुमन ने बताया कि पति मनोज पासवान हैदराबाद में प्राइवेट नौकरी करता है। पति की गैरमौजूदगी के कारण सास ससुर उसे डेली परेशान करते थे। जिसे लेकर डेली झगड़ा होता है। इसी से परेशान होकर उसने ये कदम उठाया। फिलहाल पुलिस ने सुमन को मंडलीय अस्पताल में एडमिट करा दिया है।

दवा के बहाने निकली थी घर से

घटना से पहले विवाहिता को घर से बाहर जाते देख उसके सास-श्वसुर ने उसे जाने से मना कर दिया था लेकिन तबीयत खराब होने की बात कह वह दवा लेने के बहाने घर से निकल गई। सुमन के बच्चों संग गंगा में कूदने की खबर का पता चलने पर उसका नक्खीघाट निवासी बहनोई होरीलाल पासवान मंडलीय अस्पताल पहुंचा था।

गुस्से ने कर दिया बेड़ा गर्क

इंसान का गुस्सा उसका सबसे बड़ा दुश्मन है और ये इस घटना के बाद साफ हो गया। साइकिएट्रिस्ट डॉ। संजय गुप्ता का कहना है कि गुस्से में आकर लिया गया फैसला अक्सर अपनों को नुकसान पहुंचाता है। जैसा कि इस घटना में हुआ। महिला ने गुस्से में दोनों बच्चों संग छलांग तो लगा दी लेकिन खुद बचा ली गई और बच्चे लापता हैं। इसलिए जरूरी यह है कि गुस्से पर काबू रखकर ही कोई फैसला लिया जाये।

Posted By: Inextlive