उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए चार किसानों के परिजनों के लिए 45 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी की घोषणा की। इसके साथ ही उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश इस मामले की जांच करेंगे। वहीं लखीमपुर खीरी में आरएएफ और एसएसबी की दो-दो कंपनियों की तैनाती 6 अक्टूबर तक रहेगी।


लखनऊ (एएनआई)। उत्तर प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि लखीमपुर खीरी में कल मारे गए चार किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी देगी। इसके अलावा घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। प्राथमिकी किसानों की शिकायतों के आधार पर दर्ज की जाएगी। वहीं उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश इस मामले की जांच करेंगे। एडीजी ने यह भी बताया कि सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण किसी भी राजनीतिक दल के नेता को जिले का दौरा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, किसान संघों के सदस्यों को जिले का दौरा करने की अनुमति है।हिंसा के बाद आठ लोगों की जान चली गई


वहीं केंद्र ने लखीमपुर खीरी में चार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कंपनियों को तैनात किया है, जहां रविवार को हिंसा के बाद आठ लोगों की जान चली गई। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध के बाद रविवार को गृह मंत्रालय (एमएचए) से जारी आदेश के अनुसार, चार सीएपीएफ कंपनियां- रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) से दो-दो कंपनियां होंगी। इन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद से क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल प्रभाव से लखीमपुर खीरी में 6 अक्टूबर तक तैनात किया गया है।

किसानों को कुचलने के प्रयास का आरोपउत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि रविवार को लखीमपुर खीरी की घटना में आठ लोगों की मौत हो गई।कई किसान संघों की एक संस्था संयुक्त किसान मोर्चा ने इस पूरे मामलें पर आक्रोश जताया है। उसने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा टेनी ने तीन वाहनों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचलने का प्रयास किया। हालांकि, आशीष मिश्रा ने एसकेएम के आरोपों का खंडन किया और कहा कि वह उस जगह पर मौजूद नहीं थे जहां घटना हुई थी। उन्होंने कहा कि वह न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।

Posted By: Shweta Mishra