-बंगाली समाज में घर-घर में होती पूजा

-धन-धान्य के लिए कामना करते लोग

JAMSHEDPUR: दुर्गोत्सव का समापन होने के साथ ही बंगाल के एक और लोकपर्व मां कोजागरी लक्ष्मी (लक्खी) की पूजा की तैयारियां रविवार को लगभग पूरी हो गई। सोमवार को मां कोजागरी लक्ष्मी की पूजा होनी है। पूजा-अर्चना को लेकर बिक्री के लिए प्रतिमाएं सज गई हैं। मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनाने वाले कारीगरों ने पहले से ही मां कोजागरी की प्रतिमाएं बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि लौहनगरी में बंगाल जैसी लखी पूजा का आयोजन नहीं होता है, पर कुछ कमेटियां सार्वजनिक रूप से इस पूजा का आयोजन करती हैं।

बाजारों में रही भीड़

बाजार में छोटी से लेकर बड़ी प्रतिमाएं भ्0 से लेकर क्भ्00 रुपए तक में बिकीं। रविवार को प्रतिमा, पूजन व प्रसाद सामग्री की खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़-भाड़ नजर आई। बतातें चले कि मां कोजागरी लक्ष्मी धन-धान्य की देवी हैं। घर-घर में लोग पूजा की तैयारियों में जुट गए हैं। सोमवार को आयोजित होने वाली कोजागरी लक्ष्मी की पूजा को लेकर फलों की बढ़ी मांग व कीमतों में वृद्धि के बावजूद रविवार को विभिन्न बाजारों में जमकर फलों की खरीदारी हुई।

कई फल चढ़ाने की परंपरा

बताते चलें कि कोजागरी लक्ष्मी की पूजा में विभिन्न प्रकार के अनाज समेत कई फल चढ़ाए जाने की परंपरा है। इस वजह से फलों की मांग के साथ ही इसकी कीमतों में भी बढ़ोत्तरी हो जाती है, लेकिन पूजा तो करनी ही है, लिहाजा कीमतों की परवाह न कर श्रद्धालु साम‌र्थ्य अनुसार फलों की खरीदारी करते हैं। रविवार को सेब 70 से लेकर क्00 प्रति किलो बिका। इसके अलावा अमरूद भ्0 रुपए, केला प्रति दर्जन ख्0 से लेकर ब्0 रुपए, नारियल प्रति पीस ख्0 से लेकर ब्0 रुपए तक बिका।

Posted By: Inextlive