Lal Bahadur Shastri 116th Birth Anniversary हमेशा सादगी भरा जीवन जीने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ईमानदारी और सच्‍चे राष्‍ट्रवाद का उदाहरण बने। आइए उनकी 116वीं जयंती पढ़ें उनके ये अनमाेल विचार...


कानपुर (इंटरनेट-डेस्क)। 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सात मील दूर एक छोटे से रेलवे टाउन मुगलसराय में जन्में लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती मनाई जा रही है। गांधी जी से बेहद प्रभावित रहे लाल बहादुर शास्त्री जी सादा जीवन जीने में विश्वास रखते थे। बड़ी संख्या में लोग उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाते हैं। ऐसे में आइए इस खास दिन पर पढ़ें देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कुछ अनमोल विचार...

देश की आजादी की जिम्मेदारी सबकीआजादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है। पूरे देश को मजबूत होना होगा।छूत-अछूत की भावना नही होनी चाहिएयदि कोई एक व्यक्ति को भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।प्रशासन की समाज के प्रति जिम्मेदारी
मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार यह है कि समाज को एकजुट रखा जाये ताकि वह विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके।सच है आखिरी में जनता ही मुखिया होती जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं। आखिरी में जनता ही मुखिया होती है।भ्रष्टाचार को रोकना हर किसी का फर्ज


भ्रष्टाचार को पकड़ना बहुत कठिन काम है, लेकिन मैं पूरे जोर के साथ कहता हूं कि यदि हम इस समस्या से गंभीरता और दृढ संकल्प के साथ नहीं निपटते तो हम अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में असफल होंगे।समस्त विश्व के लिए शांति की कामना जरूरीहम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैंस्वराज प्राप्त करने के बेहतरीन तरीकेलोगों को सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसा से प्राप्त नहीं हो सकता है।कानून का सम्मान बहुत जरूरीकानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और और भी मजबूत बने।इन सबसे बड़े दुश्मनों से लड़ना चाहिएआर्थिक मुद्दे हमारे लिए सबसे जरूरी हैं, और यह बेहद महत्त्वपूर्ण है कि हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेरोजगारी से लड़ें।एकता और एकजुटता समाज के लिए जरूरीहमारी ताकत और स्थिरता के लिए हमारे सामने जो ज़रूरी काम हैं उनमे लोगों में एकता और एकजुटता स्थापित करने से बढ़ कर कोई काम नहीं है।

Posted By: Shweta Mishra