नोटबंदी के दौरान नोएडा के नामचीन ज्वैलर्स लाल महल द्वारा अंजाम दी गयी करीब 839 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में अब एक नया मोड़ आया है। ईडी ने कंपनी के डायरेक्टर्स को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट फेमा एक्ट के तहत नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब कर लिया है।


डीआरआई ने चार डायरेक्टर्स को गिरफ्तार किया थाlucknow@inext.co.in  लखनऊ। ईडी ने यह कवायद कंपनी द्वारा दिए गये उस जवाब के बाद की है जिसमें उसने 40 फीसद गड़बड़ी की बात कबूली है। ध्यान रहे कि 24 दिसंबर 2016 को डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस ने लाल महल लिमिटेड कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 600 किलो सोना, 15 किलो सोने की ज्वैलरी, 60 किलो चांदी और आठ लाख की विदेशी मुद्रा को बरामद किया था। इसके अलावा 2.50 करोड़ के भारतीय नोट भी बरामद किए गये थे जिनमें 12.5 लाख रुपये के नये नोट थे। इस दौरान डीआरआई ने चार डायरेक्टर्स को गिरफ्तार किया था।बड़े पैमाने पर कमीशन लेकर पुराने नोट भी बदल रहे
जांच में सामने आया था कि लाल महल कंपनी विदेश से सोना लेकर उसकी ज्वैलरी बनाकर वापस भेजती थी। नोटबंदी के बाद उन्होंने यह सोना खुले बाजार में बेच दिया। साथ ही बड़े पैमाने पर कमीशन लेकर पुराने नोट भी बदल रहे थे। इसकी पुख्ता सूचना मिलने के बाद डीआरआई की टीम ने चार ठिकानों पर छापेमारी कर यह बरामदगी की थी। यह भी खुलासा हुआ था कि ज्वैलर्स ने 12.92 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानि 839 करोड़ रुपये हवाला के जरिए इधर-उधर कर दिए। लाल महल ज्वैलर्स ने नोएडा से दुबई में इतनी कीमत का सोना और उससे बनी ज्वैलरी तो भेजी, लेकिन इसका भुगतान नहीं प्राप्त किया। खुलासा अकाउंटेंट बलदेव चतुर्वेदी के ईमेल अकाउंट से हुआप्रबंधन से जब डीआरआई ने इस भुगतान के संबंध में पूछताछ की तो बताया गया कि ये ज्वैलरी यूएई की फर्म डायमंड इंटरनेशनल ट्रेडिंग एजेंसी को भेजी गई थी। जबकि डीआरआई की पड़ताल में पता चला था कि लाल महल ज्वैलर्स के मुख्य कर्ताधर्ता और अनीता गर्ग के पति प्रेम चंद गर्ग ने ही दुबई में डायमंड इंटरनेशनल ट्रेडिंग एजेंसी कंपनी बनाई है। प्रेमचंद गर्ग की बेटी ईशा गर्ग के नाम पर भी दुबई में लाल महल ज्वैलर्स एलएलसी यूएई के नाम से फर्म है। इसका खुलासा अकाउंटेंट बलदेव चतुर्वेदी के ईमेल अकाउंट से हुआ था। डीआरआई ने ईडी को 200 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी


हवाला से जुड़े इस बड़े मामले में फेमा के तहत कार्रवाई करने के लिए डीआरआई ने ईडी को छापेमारी से जुड़ी 200 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी। इसकी पड़ताल के बाद ईडी ने जनवरी 2018 में फेमा एक्ट के तहत केस दर्ज करके कंपनी प्रबंधन से जवाब मांगा तो उन्होंने 40 फीसद गड़बड़ी की बात कबूली, साथ ही  300 करोड़ रुपये का भुगतान न होने का हवाला भी दिया है। अब इस मामले में गहनता से जांच करने के लिए ईडी ने कंपनी के डायरेक्टर्स को बुलाने की कवायद शुरू कर दी है। मनमोहन सिंह को आगामी 11 मई को तलब कियाईडी ने प्रेमचंद गर्ग के पुत्र एवं कंपनी में डायरेक्टर देवाशीष गर्ग को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने बीमार होने की बात कहकर दूसरे डायरेक्टर मनमोहन सिंह को भेजने का आश्वासन दिया। ईडी ने मनमोहन सिंह को आगामी 11 मई को तलब किया है। इसके अलावा तपन कुमार बेरा और सुनील बंसल को भी तलब किया गया है। सुनील बंसल लाल महल की एसोसिएट कंपनी पोलारिस ओवरसीज के डायरेक्टर हैं। इसमें तपन कुमार के 90 फीसद शेयर है। फैक्ट फाइल- 839 करोड़ रुपये की हेराफेरी का है मामला- 200 पन्नों की रिपोर्ट डीआरआई ने ईडी को सौंपी थी- 40 फीसद गड़बड़ी की बात कंपनी के प्रबंध तंत्र ने कबूली- 600 किलो सोना, 15 किलो ज्वैलरी, 60 किलो चांदी हुई थी बरामद- 08 लाख की विदेशी, 2.50 करोड़ की भारतीय मुद्रा हुई थी बरामद

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Posted By: Shweta Mishra