-एजी को आरोपित करने की मांग को लेकर लालू की याचिका पर हुई सुनवाई

-बचाव पक्ष ने कहा, एजी ने अपनी रिपोर्ट में कभी नहीं कहा कि फर्जी निकासी हो रही

रांची : दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में गुरुवार को आने वाला फैसला टल गया। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में फैसले की तिथि निर्धारित थी, लेकिन लालू की ओर से आवेदन दिए जाने की वजह से फैसला टल गया। इसके पूर्व लालू प्रसाद की ओर से उनके अधिवक्ता ने अदालत में आवेदन देकर अनुरोध किया कि उन्होंने बुधवार को तीन अधिकारियों को मामले में आरोपित किए जाने को लेकर आवेदन दिया है। इसमें बिहार के तत्कालीन एजी पीके मुखोपाध्याय, डिप्टी एजी बीएन झा और एजी ऑफिस के तत्कालीन सीनियर डायरेक्टर जनरल प्रमोद कुमार के नाम शामिल हैं, जिन्हें चारा घोटाले में आरोपित किए जाने से संबंधित है। इस आवेदन पर सुनवाई लंबित है। जबतक आवेदन पर सुनवाई और उसपर कोई आदेश नहीं आ जाता, तबतक फैसले को स्थगित रखा जाए। अदालत ने उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए आवेदन पर सुनवाई की। इसपर सीबीआइ से जवाब मांगा। अदालत की दूसरी पाली में आवेदन पर बहस हुई। न्यायालय में सीबीआइ ने लिखित व मौखिक पक्ष रखा। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने फैसला स्थगित कर दिया। साथ ही लालू प्रसाद के आवेदन पर आदेश के लिए शुक्रवार की तिथि निर्धारित की। आवेदन पर आदेश के बाद फैसले की तिथि व समय का निर्धारण होगा। ऐसे में अब शुक्रवार को ही पता चलेगा कि लालू जगन्नाथ सहित 31 अभियुक्तों पर फैसला कब आएगा। यह मामला दुमका कोषागार से तीन करोड़ 13 लाख 41 हजार 451 रुपये अवैध निकासी से संबंधित है। इसमें 31 अभियुक्त अदालत में ट्रायल फेस कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive