मोहम्मद अली पार्क में नेहरू जी की प्रतिमा लगाने की तैयारी तो नहीं

गलियों को खाली कराने के बाद व्यापारियों पर न हो जाए कार्रवाई

डरे सहमे हैं लोग, अधिकारी नहीं कर रहे खुलासा

ALLAHABAD: मीरगंज की बदनाम गलियों में वर्षो से चल रहा जिस्मफरोशी का धंधा करीब-करीब बंद हो चुका है। लेकिन, खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। कोर्ट के आदेशानुसार एक महीने के अंदर पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा उनके जन्मस्थली पर लगाए जाने के आदेश को लेकर जवाहर स्क्वॉयर व मोहम्मद अली पार्क के साथ ही मीरगंज के दुकानदार डरे हुए हैं। दो दिन से देर रात में कुछ लोगों द्वारा मोहम्मद अली पार्क व आस-पास के भवनों की नाप-जोख कराए जाने से डर डबल हो गया है।

मीरगंज में स्थापित होनी है प्रतिमा

सामाजिक कार्यकर्ता सुनील चौधरी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर मीरगंज को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्मस्थली बताते हुए उनकी प्रतिमा को वहां स्थापित किए जाने की मांग की थी। कोर्ट ने 21 अप्रैल को 4 सप्ताह के अंदर 77 मीरगंज में पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्मस्थली को चिह्नित कर प्रतिमा स्थापित कराए जाने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने मीरगंज की बदनाम गलियों में जिस्मफरोशी करने वाली महिलाओं और कोठों के खिलाफ अभियान चलाया था। सैकड़ों लोगों को उठाने के बाद मकानों को सील कर दिया गया। इसे हाईकोर्ट के आदेश के पालन की कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। अब प्रतिमा स्थापित कराने के लिए भी प्रशासन के पास अधिक समय नहीं बचा है।

तैयार तो नहीं हो रहा स्पाई मिशन

इस कार्रवाई के बाद अब मीरगंज के व्यापारी इस बात को लेकर डरे हुए हैं कि प्रतिमा स्थापित कराने के लिए भी तो कहीं अंदर ही अंदर गोपनीय तरीके से कोई प्लानिंग नहीं हो रही है। अचानक धावा बोल कर कहीं कार्रवाई न कर दी जाए। पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म मीरगंज में किस स्थान पर और किस भवन में हुआ था आज तक इसे चिह्नित नहीं किया जा सका है। मूल स्थान को लेकर विवाद है। जवाहर स्क्वायर और मोहम्मद अली पार्क को भी पंडित जवाहर लाल नेहरू से जोड़ कर देखा जा रहा है। इसलिए बीच-बीच में जवाहर स्क्वायर या फिर मोहम्मद अली पार्क में पंडित नेहरू की प्रतिमा स्थापित कराए जाने की अफवाह उड़ रही है।

उजड़ जाएंगे सैकड़ों दुकानदार

जवाहर स्क्वायर या मोहम्मद अली पार्क में पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा लगाने का प्रयास किया गया तो सैकड़ों दुकानदारों के साथ ही सैकड़ों परिवारों के रोजी-रोजी का सहारा छिन जाएगी। मोहम्मद अली पार्क में इस समय करीब 400 से अधिक दुकानें हैं। इनसे करीब 3000 लोग जुड़े हुए हैं।

वर्जन

पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा कहां पर स्थापित की जाएगी, इसकी जानकारी हमें नहीं है। अगर मोहम्मद अली पार्क को निशाना बनाया गया तो सैकड़ों परिवार उजड़ जाएंगे, जो उचित नहीं होगा।

विजय अरोरा

अध्यक्ष, प्रयाग व्यापार मंडल

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कई वेश्याओं का मीरगंज है स्थाई ठिकाना

स्पाई मिशन चलाकर एक झटके में पुलिस व प्रशासन ने मीरगंज की बदनाम गलियों से जिस्मफरोशी के धंधे को बंद करा दिया है। जिन मकानों में धंधा चलता था वहां ताला लगा दिया है। लेकिन मीरगंज के व्यापारी व लोग एक बार फिर से जिस्मफरोशी का बाजार जमने की आशंका से सशंकित हैं। क्योंकि मीरगंज की गलियों में कई मकान ऐसे हैं, जो जिस्मफरोशी का धंधा करने वाली महिलाओं के हैं। जिन्होंने पूरे मकान को लाखों रुपये में अपने नाम रजिस्ट्री करा लिया है। ऐसे एक-दो नहीं बल्कि करीब एक-दर्जन से अधिक मकान हैं। कुछ मकान तो ऐसे हैं जो फ्लैट के रूप में बिके हैं।

Posted By: Inextlive