- आईटीबीपी के डीआईजी का दिल्ली से दून आते हुए लग्जरी बस में चोरी हुआ था लैपटॉप

- गुरुवार को पटेलनगर पुलिस ने किया था लैपटॉप चोर गैंग का पर्दाफाश, 43 लैपटॉप किए थे बरामद

- किसी भी लैपटॉप पर नहीं सीरियल नंबर, खुद डीआईजी को बुलाया जाएगा अपना लैपटॉप पहचानने

देहरादून, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के डीआईजी रविन्द्र पांडे का लैपटॉप चोरी करने वाले गिरोह का तो पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है, लेकिन डीआईजी का लैपटॉप अभी भी आइडेंटिफाई नहीं हुआ, पुलिस ने गिरोह से 43 लैपटॉप बरामद किए हैं। आरोपियों ने सभी लैपटॉप के सीरियल नंबर स्क्रैच कर दिए हैं, ऐसे में डीआईजी के लैपटॉप की पहचान के लिए लैपटॉप्स की शिनाख्त परेड होगी, डीआईजी को बुलाया जाएगा और वे खुद अपने लैपटॉप की शिनाख्त करेंगे।

लैपटॉप्स की होगी शिनाख्त परेड

किसी क्राइम केस के मामले में जिस तरह से क्रिमिनल्स की थाने में शिनाख्त परेड होती है, उसी तरह आईटीबीपी डीआईजी के लैपटॉप की पहचान के लिए लैपटॉप्स की शिनाख्त परेड होगी। आरोपियों से बरामद लैपटॉप सामने रखे जाएंगे और डीआईजी खुद अपने लैपटॉप की पहचान करेंगे। पुलिस के मुताबिक डीआईजी का चोरी हुआ लैपटॉप एपी कंपनी का था। आरोपियों से बरामद 43 लैपटॉप में से 13 एचपी कंपनी के हैं। ऐसे में शिनाख्त के दौरान एचपी के 13 लैपटॉप पेश किए जाएंगे।

14 मई को उड़ाया था लैपटॉप

बीते 14 मई को आईटीबीपी के डीआईजी रविंद्र पांडे लग्जरी बस से दिल्ली से दून आ रहे थे, खतौली पहुंचने के बाद गैंग ने उनका एचपी कंपनी का लैपटॉप चुरा लिया था। नींद खुलने पर सुबह डीआईजी को जब ये पता चला तो उन्होंने एसएसपी से मुलाकात कर कंप्लेन की। एसएसपी के आदेश पर पटेलनगर थाने में चोरी का केस दर्ज किया गया था। गुरुवार को लैपटॉप चोर गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश कर 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, पूछताछ पर पता चला कि गैंग के प्रमोद और राजेंद्र ने डीआजी का लैपटॉप चुराया था।

डाटा उड़ाया, सीरियल नंबर मिटाये

लैपटॉप चोर गैंग काफी शातिर है। ये लग्जरी बसों में ही चोरी की वारदातों को अंजाम देती थी। लैपटॉप चोरी करने के बाद उनका डाटा फॉर्मेट कर दिया जाता था और सीरियल नंबर भी स्क्रैच कर दिया जाता था। ऐसे में खुद डीआईजी को अपना लैपटॉप पहचानने में दिक्कत हो सकती है। आरोपी इसके बाद 8 से 10 हजार रुपए में राजस्थान, यूपी ले जाकर लैपटॉप बेच देते थे।

डीआईजी का मामला तो क्विक एक्शन

आईटीबीपी के डीआईजी का लैपटॉप चोरी होने पर पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज की थी और डेढ़ माह के भीतर ही लैपटॉप चोर गैंग का पर्दाफाश भी कर दिया। हालांकि, चोरी की कई वारदातें शहर के विभिन्न हिस्सों में हुई हैं, लेकिन उनका पुलिस अब तक खुलासा नहीं कर पाई है।

अपने सामान की सुरक्षा खुद करें

रोजवेज की लग्जरी बसों में पैसेंजर्स और उनका सामान सेफ नहीं है। लैपटॉप चोर गैंग से ही पुलिस ने चोरी के 43 लैपटॉप बरामद किए हैं, जाहिर है इससे ज्यादा घटनाओं को वे अंजाम दे चुके थे। लग्जरी बसों में ही इन सारी वारदातों को गैंग ने अंजाम दिया। लग्जरी कहलाने वाली इन बसों में न तो सीसीटीवी सर्विलांस की व्यवस्था है, न गिनरानी का कोई और तरीका। ऐसे में लग्जरी बसों में सफर करें तो अपने सामान की सुरक्षा खुद करनी होगी।

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बरामद लैपटॉप में डीआईजी का लैपटॉप भी है, लेकिन सभी के सीरियल नंबर स्क्रैच किए गए हैं। डीआईजी ही खुद लैपटॉप की शिनाख्त करेंगे।

सूर्यभूषण नेगी, इंचार्ज, थाना पटेलनगर

Posted By: Inextlive