हैदराबाद ब्लास्ट का आरोपी लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी नईम नवंबर 2017 में लखनऊ से अरेस्ट किये जाने से पहले बांदा के हथौरा गांव स्थित एक मदरसे में दो दिन ठहरा था। उसे ठहराने में तौसीफ ने उसकी मदद की थी। एनआईए व एटीएस नईम के यूपी कनेक्शन को और गहनता से खंगालने में जुटी है। यहां उसके संपर्क में रहे अन्य युवकों को भी चिन्हित करने की कोशिश की जा रही है।


कश्मीर में हुई थी मुलाकातगौरतलब है कि नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी दिल्ली की टीम ने शेख अब्दुल नईम को लखनऊ से अरेस्ट किया था। महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी नईम वर्ष 2014 में पुलिस अभिरक्षा से भाग निकला था और तभी से उसकी तलाश चल रही थी। पकड़े जाने से पूर्व नईम लखनऊ, वाराणसी व कानपुर समेत यूपी के कई अन्य शहरों में सक्रिय रहा था। उस दौरान नईम पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर के सीधे संपर्क में था। एनआईए की जांच में पता चला है कि नईम बांदा जाकर तौसीफ से मिला था और दो दिनों तक मदरसे में ठहरा था। दरअसल, तौसीफ से उसकी मुलाकात कश्मीर में हुई थी। कश्मीर निवासी तौसीफ के बीते दिनों पकड़े जाने के बाद कई नए तथ्य जांच एजेंसियों के सामने आए हैं। संपर्कों की तलाश जारी
पता चला है कि नईम यूपी में रहने के दौरान यहां अपने छिपने के लिए अलग-अलग ठिकाने तलाश रहा था। बताया जा रहा है कि नईम यूपी में कई अन्य युवकों के सीधे संपर्क में था। एनआईए व एटीएस अब उसके संपर्कों की भी पड़ताल में जुटी हैं। साथ ही दोनों एजेंसियां बांदा में भी गहनता से छानबीन कर रही है। सूत्रों की मानें तो एटीएस व एनआईए इस नेटवर्क की परतें खंगालने में जुटी हैं। उनके हाथ कुछ अन्य कडिय़ां भी लगी हैं, जिनकी मदद से कुछ संदिग्धों को चिन्हित किया जा रहा है।

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Posted By: Shweta Mishra