हाईकमान के सामने हाजिरी से पहले बोले, चाहो तो ले लो इस्तीफा

-डेढ़ घंटे तक हुई सीएम और पीसीसी चीफ की मीटिंग, प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर भी रहे मौजूद

-आज दिल्ली में हाईकमान के सामने हाजिर होंगे सूबे के कांग्रेस नेता

देहरादून: दिल्ली में हाईकमान के सामने आज प्रदेश के कांग्रेस नेताओं की हाजिरी है। हालांकि मौका पार्टी की किसान संकल्प रैली के समापन का है, लेकिन उत्तराखंड में हद पार कर गई कांग्रेस की लड़ाई पर प्रमुखता से बात होगी। दिल्ली के दंगल में कूदने से पहले बुधवार को सरकार-संगठन से जुडे़ लोगों ने अपने-अपने पक्ष में फील्डिंग जमाने के लिए खूब पसीना बहाया। तल्खियों से भरे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय यह कहने से नहीं चूके, कि उनके इस्तीफे से पार्टी का भला होता हो, तो उनका इस्तीफा तुरंत ले लो। माना जा रहा है कि बदलाव की लगातार चल रही चर्चाओं के बीच दबाव में आए किशोर उपाध्याय ने अपना आखिरी दांव चल दिया है।

पीडीएफ का पचड़ा, घर में झगड़ा

कांग्रेस के भीतर की अदावत के वैसे तो कई कारण हैं, लेकिन हाल-फिलहाल पीडीएफ से रिश्ताे के कारण कांग्रेस के घर की शांति छिनी हुई है। संगठन पीडीएफ के साथ विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सारी चीजें क्लीयर करने का दबाव बना रहा है। कांग्रेस संगठन के नेताओं की कोशिश पीडीएफ को गठबंधन से बाहर करने की भी है, लेकिन सीएम हरीश रावत गठबंधन सहयोगियों को साथ लेकर चलने पर जोर दे रहे हैं। हाल के दिनों में कांग्रेस और पीडीएफ नेताओं के बीच जुबानी जंग से और बुरी स्थिति बन गई है।

दबाव कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर

कांग्रेस की लड़ाई के बीच बुधवार का पूरा दिन सियासी चर्चाओं से ही भरा रहा। खबरें इस तरह की भी आई कि किशोर उपाध्याय को हटाने के लिए सरकार से जुडे़ लोगों ने पूरी ताकत लगा दी है। इससे उलट, इस तरह की खबरों से भी बाजार गरम रहा कि किशोर उपाध्याय के समर्थक दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात के दौरान सीएम हरीश रावत को हटाने की मांग कर सकते हैं। लेकिन दबाव प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के ऊपर ज्यादा दिखाई दिया। इसका एक कारण ये भी रहा कि पीडीएफ के साथ रिश्तों की दिशा तय करने के लिए अब हाईकमान सीएम हरीश रावत के अलावा किसी की बात नहीं सुनना चाहता।

मध्यस्थता और मान मनौव्वल

कांग्रेस में न सिर्फ तकरार जारी है, बल्कि मध्यस्थता, मान मनौव्वल का दौर भी चल पड़ा है। कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि शायद इससे ही स्थिति सुधर जाए। यही कारण है कि प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर ने आज सीएम हरीश रावत और किशोर उपाध्याय के साथ डेढ़ घंटे तक गहन चर्चा की। हालांकि कांग्रेस ये ही कह रही है कि दिल्ली के कार्यक्रम को लेकर रूपरेखा तय की गई है, लेकिन माना यही जा रह है कि कपूर ने दोनों पक्षों के बीच तालमेल बनाने की कोशिश की।

वर्जन---

सरकार-संगठन के बीच मतभेद, बदलाव जैसी बातों का कोई आधार नहीं है। मैं तो बस इतना कहना चाहूंगा कि यदि मुझे हटाने से कांग्रेस का भला होता हो, तो मेरा इस्तीफा तुरंत ले लिया जाए। हम सभी गुरुवार को राहुल जी से मिलेंगे और उन्हें अपनी बातों और मांगों से अवगत कराएंगे।

-किशोर उपाध्याय, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस।

कांग्रेस एक लोकतांत्रित पार्टी है, जहां पर न बागी की बात होती है और न दागी की। बात सिर्फ आम आदमी के हित की होती है। संगठन और सरकार के बीच तालमेल को लेकर कहीं कोई शक नहीं है। संगठन सुझाव देता रहा है और सरकार उस पर कार्रवाई करती रही है।

-सुरेंद्र कुमार, सीएम के मीडिया इंचार्ज

Posted By: Inextlive