शासन ने नहीं बढ़ाई मदरसा अपलोडिंग की लास्ट डेट

खतरे में पड़ गया दो सौ से अधिक मदरसों का भविष्य

ALLAHABAD: जी हां, जिसका डर था वही हुआ। आखिरकार 15 सितंबर बीतने के बावजूद शासन ने मदरसा की ऑनलाइन अपलोडिंग की अंतिम तिथि नहीं बढ़ाई। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में दो-चार मदरसा संचालक आए, लेकिन डेट नहीं बढ़ने की जानकारी मिलने के बाद चले गए। हालांकि, वे अभी भी इस चूक के लिए सिस्टम को ही दोषी ठहरा रहे हैं।

किसी मान्यता तो किसी का फंसा अनुदान

मदरसों को मदरसा बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइन करने की प्रक्रिया की तस्वीर 16 सितंबर को साफ हो गई। 15 सितंबर को अंतिम तिथि होने के एक दिन बाद पोर्टल पर कुल 117 मदरसे ऑनलाइन नजर आए। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 154 मदरसों ने पूरी की, लेकिन उन्हें पोर्टल पर लॉक नहीं किया जा सका। सबसे अहम यह कि जिले में कुल 43 मदरसे अनुदानित हैं। इनमें से केवल 28 ही पोर्टल पर अपडेट नजर आ रहे हैं। ऐसे में बाकी 15 मदरसों का अनुदान खतरे में पड़ गया है। बाकी की मान्यता खतरे में नजर आ रही है।

कुछ भी कहने से लगता है डर

शासन की सख्ती को देखते हुए मदरसा संचालक भी सकते में हैं। वे खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। फिर भी उम्मीद जता रहे हैं कि डेट बढ़ाने का फैसला भविष्य में आ सकता है। उनका कहना है कि मदरसा बोर्ड की वेबसाइट में तकनीकी खराबी से यह दिक्कत आई है। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने यू डायस नंबर देने में देर लगाई। शनिवार को शासन से अंतिम तिथि बढ़ाए जाने का कोई आदेश नहीं आने से मदरसा संचालकों मे सन्नाटा रहा।

खुल सकती है कलई

मदरसों को लेकर शासन के रुख से यह साफ हो गया है कि अब अनुदान या कोई आर्थिक सहायता लेने के लिए पुख्ता दावेदारी पेश करनी होगी। इसके लिए सबसे पहले शासन ने फर्जी और बंद पड़े मदरसों को चिंहित करने की मुहिम शुरू की है। यही कारण रहा कि 18 अगस्त को पोर्टल लांच कर दिया गया।

फैक्ट फाइल

330 जिले में कुल मदरसे

154 पोर्टल पर रजिस्टर्ड

117 मदरसा पोर्टल पर लॉक (पूरी तरह मान्य)

28 लॉक अनुदानित मदरसो की संख्या

मदरसों को लेकर शासन का रुख काफी सख्त है। अभी तक डेट बढ़ाने का कोई आदेश नहीं आया है। तिथि नहीं बढ़ी तो कई मदरसों का भविष्य संकट में पड़ जाएगा।

शिव प्रकाश तिवारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी

Posted By: Inextlive