DEHRADUN : कनाडा यूएस नॉर्थ रशिया व स्केनडिनोविया में पाई जाने वाली सी-डक गोल्डन आई इस बार भी आसन बैराज में आकर्षण का केंद्र रही. हालांकि स्प्रिंग बड्र्स सीजन के आखिरी दिन यह बर्ड नजर आई लेकिन बर्ड वॉचर्स के बीच इस बर्ड को देख कर खुशी की लहर दौड़ गई. पिछले चार साल से यह बर्ड लगातार विंटर सीजन में आसन बैराज आती है और विशेषज्ञों ने फिलहाल एक बर्ड की ही पहचान की है.


एक ही 'गोल्डन आई नजर आईगोल्डन आई, सोने जैसी आंखों वाली सी-डक इस वक्त करीब-करीब इंडेंजर्ड स्पीशीज की कैटेगरी में शामिल होने की कगार पर है। कनाडा, यूएस, नॉर्थ यूरोप में पाई जाने वाली यह बर्ड अमूमन विंटर सीजन में माइग्रेट होती है। यही वजह है कि आसन बैराज में भी पिछले चार सालों से इस बर्ड को देखा जा रहा है। बीते पांच फरवरी से शुरु हुए उत्तराखंड स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल 2014 के आखिरी दिन यानी संडे को यह बर्ड नजर आई। एक्सपट्र्स बड्र्स वॉचर सुनीता भूषण दत्ता के मुताबिक संडे को आसन बैराज में गोल्डन आई देखने को मिली। कई बुक्स लिख चुके बड्र्स वॉचर सुनीता भूषण दत्ता के मुताबिक संडे को एक ही  गोल्डन आई बर्ड नजर आई, जिसको पर्यावरण की दृष्टिकोण से बेहतर कहा जा सकता है। बर्ड फेस्टिवल का समापन
पांच फरवरी से शुरू हुए उत्तराखंड स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल 2014 का संडे को समापन हुआ। क्लोजिंग सेरेमनी के दौरान बतौर चीफ गेस्ट प्रमुख वन संरक्षक बीना सेकेट्री मौजूद रहे। आखिरी दिन तमाम स्कूल्स के बड्र्स लवर्स ने बर्ड वॉचिंग का पूरा मजा  लिया। इसके अलावा कई स्कूल्स के स्टूडेंट्स ने भी कल्चरल प्रोग्राम्स आयोजित कर सेव एनवॉयरमेंट का मैसेज देने की कोशिश की। इस मौके पर जहां 10 टीम व 20 गाइड्स को सोविनियर दिए गए, वहीं एक्सपट्र्स, गाइड्स व बड्र्स वॉचर्स ने अपने अनुभव शेयर किए। स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल 2014 के प्रमुख संयोजक व संचालक मुख्य वन संरक्षक ईकोटूरिज्म राजीव भरतरी के अनुसार छह दिनों तक चले इस बर्ड फेस्टिवल में छह-छह टीम बर्ड वॉचिंग के लिए मूव किया करती थी। एक दल में 25 मेंबर शामिल हुआ करते थे। एनआईवीएच की टीम भी पहुंची आसन एनआईवीएच राजपुर रोड के स्टूडेंट्स की टीम ने भी आसन बैराज पहुंची और स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल के बारे में जानकारी हासिल की। प्रमुख वन संरक्षक ईकोटूरिज्म राजीव भरतरी के अनुसार एनआईवीएच के स्टूडेंट्स दल ने दो घंटे पैदल चलकर बड्र्स की आवाज व आसन बैराज के बारे ऑडिटोरियम में जानकारियां हासिल की। इंडिया में पाई जाने वाले 1303 बड्र्स की स्पीशीज में 186 स्पीशीज उत्तराखंड में पाई जाती हैं। आसन बैराज में चले बड्र्स फेस्टिवल में कई इंडेंजर्ड स्पीशीज पलास ईगन, बगुले, ईग्रेट, स्टार्क, आईबिस, बतख व मैलार्ड टील जैसे बड्र्स के करीब आठ साल बाद आसन में आने का दावा किया गया है।

Posted By: Inextlive