भारत और चीन के बीच बीते सोमवार को हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 जवानों में से दो सैनिकों का आज ओडिशा में अंतिम संस्कार किया गया। सैनिकों के अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए।


भुवनेश्वर (पीटीआई)। भारत और चीन के बीच बीते सोमवार को हुई हिंसक झड़प हुई थी। इस दाैरान भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। इनमें से दो जवानों के शवों का शुक्रवार को उनके मूल स्थान ओडिशा में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। नायब सूबेदार नंदूराम सोरेन (43) के पार्थिव शरीर को मयूरभंज जिले के चंपाउदा गांव में संथाली रीति-रिवाजों के अनुसार अग्नि दी गई। सोरेन के भतीजे कान्हू सोरेन ने अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों की उपस्थिति में चिता को जलाया। अंतिम सम्मान देने के लिए लगभग 3,000 लोग एकत्र हुए


वहीं सिपाही चंद्रकांता प्रधान (28) के शव का ईसाई रीति-रिवाजों के अनुसार कंधमाल जिले के बेरीपंगा गांव में अंतिम संस्कार किया गया। प्रधान को अंतिम सम्मान देने के लिए लगभग 3,000 लोग एकत्र हुए। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कोरोना वायरस संकट के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने की पूरी कोशिश की। दोनों शहीद सैनिकों के अंतिम संस्कार में कई हजार लोग शामिल हुए। नंदूराम सोरेन अमर रहे, चंद्रकांता प्रधान अमर रहें और भारत माता की जय जैसे नारों के साथ पूरे इलाके गूंज रहे थे। शहीद सैनिकों को विदाई देने वालों में शामिल ये लोग भी थे शामिल

इस दाैरान राज्य के राजस्व मंत्री सुदाम मरांडी, लोकसभा सांसद विश्वासराव टुडू, राज्यसभा सदस्य ममता मोहंता और कई अन्य विशिष्ट व्यक्ति इन सैनिकों को विदाई देने वालों में शामिल थे। नायब सूबेदार नंदूराम सोरेन और सिपाही चंद्रकांता प्रधान शहीद हुए उन 20 भारतीय सैनिकों में शामिल हैं, जो 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ संघर्ष में मारे गए थे। बीते पांच दशकों में सबसे बड़ा सैन्य टकराव था जिसने इस पूरे क्षेत्र में पहले से ही अस्थिर सीमा गतिरोध को और ज्यादा बढ़ा दिया है।

Posted By: Shweta Mishra