रांची: सवा 4 लाख कांवरिया जुटे शिव के नगरिया। जी हां, सावन की अंतिम सोमवारी पर बाबा भोलेनाथ को जलार्पण करने के लिए एक ओर जहां देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में कांवरियों का हुजूम उमड़ पड़ा, वहीं रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में भी शिव भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। देवघर में कांवरियों की 15 किलोमीटर लंबी लाइन लगी। करीब सवा दो लाख शिवभक्तों ने जलार्पण किया। वहीं, रांची पहाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ कंट्रोल करने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

इंतजार के पल में सेल्फी तो बनती है

बाबा बैद्यनाथ धाम के रास्ते में कई कांवरिया पत्थर पर ही लेटकर आराम करते नजर आए। बहुत भीड़ है, थोड़ा इधर ही रेस्ट कर लें। इस दौरान हाथ में कलश लिये कांवरिया अपनी बम साथियों के साथ सेल्फी लेते नजर आए। देवघर का चप्पा-चप्पा कांवरियों से पटा रहा। हर ओर सिर्फ गेरुआ वस्त्र धारी कांवरिया नजर आ रहे थे। वहीं, बोल बम के नारे से पूरा शहर गुंजायमान हो रहा था।

पहाड़ी मंदिर में टूटे सभी रिकार्ड

पहाड़ी मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं की भीड़ ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। अनुमान के मुताबिक, शाम साढ़े पांच बजे तक करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने पहाड़ी बाबा का जलाभिषेक किया। भीड़ को देखते हुए कांवरिया रविवार देर रात से ही मंदिर में जुटने लगे थे। सुबह में 3.30 बजे सरकारी पूजा हुई। चार बजे मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। इसके साथ ही हर-हर महादेव, बोल बम की जयआदि के जयकारे लगाते शिवभक्त पहाड़ी बाबा के दर्शन को आगे बढ़ने लगे। सूर्योदय होने तक पहाड़ी मंदिर के मुख्य मार्ग तक जाने वाले दोनों रास्तों पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा।

रातू रोड तक पहुंची लाइन

दर्शनार्थियों की लाइन रातू रोड मुख्य मार्ग तक पहुंच गई। घंटों लाइन में लगने के बाद बाबा के दर्शन हो पा रहे थे। दोपहर तीन बजे तक मंदिर परिसर में पैर रखने की तक की जगह नहीं थी। बीच-बीच में पहाड़ी बाबा के गगनभेदी जयकारे दूर से ही सुने जा रहे थे। भीड़ को व्यवस्थित करने में सुरक्षा बल और पहाड़ी मंदिर विकास समिति के पसीने छूट रहे थे। शाम साढ़े पांच बजे तक पहाड़ी बाबा का जलाभिषेक हुआ। इसके बाद श्रृंगार के लिए जलाभिषेक रोक दिया गया। संध्या सात बजे भव्य महाआरती हुई। रात दस बजे तक दर्शन के लिए श्रद्धालु आते रहे।

अन्य शिवालयों में भी लगा रहा मेला

यही स्थिति अन्य शिवालयों की भी रही। पिस्कामोड़ बाबा विश्वनाथ मंदिर में सुबह चार बजे से जलाभिषेक आरंभ हुआ। दोपहर तक हजारों भक्तों ने शिव का अभिषेक किया। फिर संध्या श्रृंगार और आरती के समय भी काफी भीड़ रही। महिला मंडलियों की ओर से भजन-कीर्तन किया। वहीं, डोरंडा जैप वन, मोरहाबादी शिव मंदिर, चुटिया श्रीराम मंदिर, हरमू पंचशील मंदिर, बर्धमान कंपाउंड शिव मंदिर आदि शिवालयों में दिनभर श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते रहे।

भांजनी पड़ीं लाठियां

सुबह आठ बजे के बाद पहाड़ी मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर विहंगम दृश्य देखने को मिला। रातू रोड, बालाजी मंदिर और हरमू रोड की ओर से पहाड़ी मंदिर तक जाने वाला सड़क ठहर सी गई थी। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई थी। इसके बावजूद भीड़ बेकाबू हो रही थी। कई बार पुलिस को सख्ती भी बरतनी पड़ी। परिसर स्थित बैरिकेडिंग संख्या दो के पास कई बार पुलिस को लाठी चलानी पड़ी। वहीं, भीड़ को देखते हुए कई श्रद्धालु पूजा किए बिना ही वहां से निकल गए। दूसरे शिवालयों में पूजा की।

सीढि़यां चढ़ने में कई बेहोश

पहाड़ी बाबा मुख्य मंदिर तक पहुंचने के दौरान दिनभर में करीब 20 महिलाएं बेहोश होकर गिर गई। पहाड़ी मंदिर समिति की ओर से उन्हें तत्काल मेडिकल सुविधा मुहैया कराई गई। ठंडा पानी व ग्लूकोज पिलाया गया। होश में आने के बाद पूजा की।

Posted By: Inextlive