- पिछले दिनों पैसों की किल्लत के चलते मरीजों को दी गई थी बकाया भुगतान की पर्ची

- दवा व्यापारियों के बीच भी आने शुरू हुए छुट्टे नोट, कैश पर शुरू हुआ कारोबार

Meerut। नोटबंदी के दौरान जिला अस्पताल और मेडिकल स्टोर ने पेशेंट को दी गई पर्चियों का भुगतान शुरू कर दिया है। वहीं नए नोटों के चलन से शुरू हुई आमद ने दवा करोबार को भी ऑक्सीजन प्रदान की है। इससे दवा व्यापारियों ने राहत की सांस ली है।

बैलेंस पर्ची का भुगतान शुरू

दरअसल, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में सेवाओं के लिए भी पर्ची का जमकर इस्तेमाल हुआ था। विभिन्न टेस्ट और जांचों व ब्लड बैंक के लिए पैसे खुले न होने पर डॉक्टर्स व स्टॉफ ने मरीजों की पर्चियां बनाई थीं। इस पर्ची कांट्रेक्ट के अंतर्गत मरीज से 500 व 1000 के नोट तो लिए लेकिन शेष राशि लौटाने के लिए खुले पैसों की व्यवस्था न होने पर उनकों पर्चियां बनाकर दी गई थीं।

पर्ची पर टिका था दवा कारोबार

मेरठ में रोजाना का दवा कारोबार दो से ढाई करोड़ का रहता है। लेकिन बड़े नोटों के सरकारी बैन के बाद मार्केट सिमट कर 20 प्रतिशत ही रह गया था। ड्रग एवं केमिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल ने बताया कि पांच सौ और हजार के नोटों पर सरकारी प्रतिबंध के कारण दवा कारोबार चौपट रहा था।

रुपए छुट्टे न होने पर जिन लोगों को पर्ची दी गई थी। उनका भुगतान कर दिया गया है। नोटों की समस्या से निजात मिलनी शुरू हुई है।

-डॉ। कौशलेन्द्र, ब्लड बैंक प्रभारी जिला अस्पताल

बड़े नोटों पर सरकारी बैन से दवा कारोबार की कमर टूट गई है। अब कहीं जाकर कुछ नकदी आनी शुरू हुई है। पिछले कुछ दिनों में दी गई उधारी भी आनी शुरू हुई है।

-रजनीश कौशल, महामंत्री मेरठ ड्रग एवं केमिस्ट एसो।

Posted By: Inextlive