गायन के क्षेत्र में लता मंगेशकर एक ऐसा नाम जो आज क‍िसी पर‍िचय का मोहताज नहीं है। भारत की स्वर सम्राज्ञी कही जाने वाली लता 28 सितंबर को अपना 88वां जन्‍म द‍िन मना जा रही हैं। 30 हजार से ज्यादा गा चुकी लता की ज‍िंदगी में एक वक्‍त ऐसा आया जब उन्‍हें धीमा जहर द‍ि‍या जा रहा था। शायद उन्‍हें कि‍सी ने मारने की कोशि‍श की थी। ऐसे में आइए जानें आज इस खास द‍िन पर जानें लता के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें...

पिता क्लासिकल सिंगर
भारत की स्वर सम्राज्ञी कही जाने वाली लता मंगेशकर आज विदेशों तक अपनी पहचान बना चुकी हैं। 28 सितम्बर 1929 को इंदौर में जन्मीं लता की गायन कला पैतृक देन है। उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर उस दौर के एक मशहूर क्लासिकल सिंगर और थिएटर आर्टिस्ट थे। भाई बहनों में ये सबसे बडी थीं।


पतली आवाज छा गई
लता ने 1946 में हिंदी फिल्मों में 'पा लागूं कर जोरी'... गीत गाकर करियर की शुरुआत की। हालांकि पहले तो इनकी पतली आवाज पर फिल्ममेकर थोड़ा पीछे हटे लेकिन बाद में 'दिल मेरा तोड़ा, कहीं का ना छोड़ा... गाए गीत की काफी तारीफ हुई। इसके बाद इनक गायन का सफर तेजी से चल पड़ा।

मिल चुके ये सम्मान
लता मंगेशकर ने अब तक 36 से भी ज्यादा भाषाओं में करीब 30 हजार से अधिक गाने गाए हैं। लता मंगेशकर को अब तक कई बड़े पुरस्कार मिल चुके हैं।  1969 में पद्म भूषण, 1989 में पद्म दादा साहब फाल्के अवार्ड, 1999 में पद्म विभूषण और 2001 में 'भारत रत्न'जैसे सम्मान प्राप्त हुए हैं।
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Posted By: Shweta Mishra