प्रशासनिक अराजकता की भेंट चढ़ा इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय की परीक्षा में निष्पक्षता और पारदर्शिता का दावा

ALLAHABAD: सपा शासनकाल में इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना बड़े ही धूमधड़ाके के साथ 17 जून 2016 को की गयी थी। अभी दो साल भी पूरे नहीं हुए हैं और विश्वविद्यालय में गोपनियता और पारदर्शिता के दावों की पोल खुल गयी हैं। विश्वविद्यालय में बढ़ती अराजकता सोमवार को तब सतह पर आ गयी, जब अफसरों की अग्नि परीक्षा का दिन था। सोमवार को विवि और उससे सम्बद्ध महाविद्यालयों की वार्षिक परीक्षाओं का आगाज होना था। लेकिन परीक्षाओं का शुभारंभ कुछ इस तरह से हुआ जिसकी कल्पना शायद ही परीक्षार्थियों ने की हो।

आगे-पीछे जैसे तैसे हुई परीक्षा

वार्षिक परीक्षाएं सुबह 07 बजे से शुरु होनी थी और 10 बजे समाप्त होनी थी। लेकिन परीक्षा शुरु होने के निर्धारित समय तक परीक्षा केन्द्रों पर हिन्दी और केमेस्ट्री के प्रश्न पत्रों का कुछ अता पता ही नहीं था। सत्र 2017-18 के लिए करवाई जा रही परीक्षा के पहले ही दिन हाल ये हुआ कि परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरु होने के चार अलग अलग समय बताये गये। कभी कहा गया कि 08:30 बजे परीक्षा शुरु होगी तो कभी 09:30 और 09:45 बजे का दावा किया गया। अंत में हुआ ये कि कहीं पहले तो कहीं बाद में परीक्षा शुरु हो सकी। हालांकि, विवि प्रशासन का दावा है कि परीक्षा का आयोजन पहली पाली में 09:30 से 12:30 बजे के बीच कराया गया।

चार जनपद में थीं परीक्षाएं

इस पूरी अफरातफरी के दौरान इलाहाबाद, कौशाम्बी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर में बनाए गए परीक्षा केन्द्रों और नोडल केन्द्रों पर ऐसी अफरातफरी मची कि दूर दूर से परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों ने जमकर हंगामा काटा। उनका कहना था कि कई जगहों पर परीक्षाएं सुबह 10:30 बजे से करवायी गयी। एक ही परीक्षा के आगे पीछे समय पर होने से पर्चा लीक होने के भी आरोप जमकर लगाये गये। इससे गुस्साए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने विवि परिसर में पहुंचकर खूब हंगामा किया और कुलपति प्रो। राजेन्द्र प्रसाद यादव का पुतला दहन किया। अभाविप ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष पीके सिंह ने सरकार से पूरे मामले का संज्ञान लेने की मांग की है।

परीक्षा से जुड़ी खास बातें

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- इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय की संस्थागत/व्यक्तिगत वार्षिक परीक्षाएं 12 मार्च से प्रारंभ हो गयीं।

- परीक्षा में तीन लाख बीस हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे।

- परीक्षा के लिए इलाहाबाद में 16 नोडल केन्द्र तथा 150 परीक्षा केन्द्र, फतेहपुर में 08 नोडल केन्द्र तथा 48 परीक्षा केन्द्र, कौशाम्बी में 03 नोडल केन्द्र तथा 22 परीक्षा केन्द्र तथा प्रतापगढ़ में 11 नोडल केन्द्र एवं 87 परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं।

- कुल 38 नोडल केन्द्र एवं 307 परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं।

- परीक्षा का समय पहली पाली में सुबह 07 से 10 एवं शाम की पाली में 03 से 06 बजे का है।

- ओएमआर बेस मल्टीपल च्वाईस क्वेश्चन से जुड़ी परीक्षाओं में सुबह का समय 07 से 09 एवं दूसरी पाली में 03 से 05 बजे का है।

- महिला महाविद्यालयों की परीक्षा स्वकेन्द्र प्रणाली के अन्तर्गत तथा शेष महाविद्यालयों की परीक्षा केन्द्र परिवर्तन के आधार पर सम्पन्न करवायी जायेगी।

- इस बार जिन महाविद्यालयों में प्राचार्य नहीं हैं या जहां यूआरएल सुविधायुक्त सीसीटीवी कैमरा नहीं है। वहां परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया गया है।

परीक्षार्थियों ने लगाए ये आरोप

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- सुबह 07 बजे से थीं परीक्षाएं, इसलिए 06 बजे से सेंटर पर पहुंच गये।

- परीक्षा केन्द्र देहात में ऐसे इलाकों में बनाये गये थे। जहां पहुंचना ही मुश्किल था।

- कई नोडल सेंटर की दूरी 40 किलोमीटर तक थी। इससे परीक्षा केन्द्र तक पेपर पहुंचने में हुयी देरी।

- निर्धारित समय से चार बार अलग अलग टाईमिंग पर परीक्षा शुरु होने का बताया गया समय।

- सुविधाविहीन घटिया केन्द्र बनाने से परीक्षार्थियों को पंखे की हवा और पानी के बिना देनी पड़ी परीक्षा।

- भारी अफरातफरी के बीच परीक्षा केन्द्रों पर नहीं पहुंचा उड़न दस्ता।

- केन्द्रों पर चहेतों को जमकर करवाई गई नकल।

पहले दिन हुई ये परीक्षाएं

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पहली पाली

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- बीए प्रथम वर्ष हिन्दी साहित्य प्रथम प्रश्न पत्र

- बीएससी द्वितीय वर्ष रसायन विज्ञान प्रथम प्रश्न पत्र

द्वितीय पाली

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- बीएससी प्रथम वर्ष रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र

- बीएससी प्रथम वर्ष रसायन शास्त्र प्रथम प्रश्न पत्र

- बीए द्वितीय वर्ष हिन्दी साहित्य प्रथम प्रश्न पत्र

यह प्रशासनिक अराजकता का मामला है, जिसे संभालने में महाविद्यालयों के शिक्षकों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। बड़ी मुश्किल से परीक्षाएं करवाई जा सकीं।

अंशुल विद्यार्थी, विभाग संगठन मंत्री एबीवीपी

कुलपति ने अपनी गलती मानी है। उन्होंने पूरे मामले से शासन को अवगत करवाने की बात कही है। अलग अलग समय पर करवाई गई परीक्षा ने नकलविहीन परीक्षा की धज्जियां उड़ा दी हैं।

अनुज शर्मा, प्रदेश सह मंत्री एबीवीपी

विवि भ्रष्टाचार का अखाड़ा बन गया है। संघ ने रात्रि में 09 बजे रजिस्ट्रार से मुलाकात की थी और उनसे तैयारी न होने के कारण परीक्षा निरस्त करने की मांग की थी। मंगलवार की परीक्षा को लेकर भी कोई अच्छी तैयारी नहीं है।

पीके पचौरी, महामंत्री, इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ

रविवार को फूलपुर का चुनाव था। ऐसे में प्रश्न पत्र ले जाने वाले ट्रक जाम में घंटों फंसे रहे। इसका असर परीक्षा पर पड़ा। परीक्षा निरस्त नहीं होगी। कौशाम्बी में चेकिंग के दौरान तीन परीक्षार्थियों को नकल करते पकड़ा गया है।

डॉ। साहब लाल मौर्य, रजिस्ट्रार विवि

Posted By: Inextlive