एलएलबी और बीएएलएलबी में एडमिशन को लेकर अब यूनिवर्सिटी के पाले में गेंद

जल्द शुरु हो सकते है रजिस्ट्रेशन स्टूडेंट्स हैं इंतजार में

केस एक

शास्त्रीनगर निवासी अमित कुमार ने बीएलएलबी में केवल गर्वमेंट कॉलेज में फार्म भरा था, प्राइवेट में उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया था, अब न तो उनका सरकारी में एडमिशन हो पाया और न ही प्राइवेट में साल खराब जाने का डर है।

केस दो

रजबन निवासी अनुज शर्मा को एलएलबी में एडमिशन लेना था। सेल्फ फाइनेंस कॉलेज में रजिस्ट्रेशन से वंचित रह गए थे, अब एडमिशन बंद होने की वजह से उनका एडमिशन नहीं हो पाया है।

Meerut । लॉ कोर्स में एडमिशन से वंचित रह स्टूडेंट को केवल ये दो ही केस नहीं है, बल्कि ऐसे हजारों स्टूडेंट है जिनका भविष्य अधर में है। ऐसे स्टूडेंट के लिए हाईकोर्ट ने सीसीएसयू यूनिवर्सिटी को करियर को देखते हुए सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा है। यूनिवर्सिटी को एक महीने में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से वंचित रह स्टूडेंट के पंजीकरण खोलते हुए एडमिशन पर फैसला करना होगा। एसोसिएशन ने पिछले महीने यूनिवर्सिटी को प्रत्यावेदन देते हुए नए रजिस्ट्रेशन खोलने की अपील की थी। यूनिवर्सिटी के पोर्टल नहीं खोलने पर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों ने की मांग

मामला सीसीएसयू से संबंधित नौ जिलें के सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में जारी लॉ कोर्स से जुड़ा है। सेल्फ फाइनेंस डिग्री कॉलेज ने पांच अक्टूबर को एलएलबी, बीए एलएलबी व बीकॉम एलएलबी में नए रजिस्ट्रेशन खोलने की अपील की है। एसोसिएशन के अनुसार विवि ने पोर्टल तो खोल लेकिन यह केवल पहले से रजिस्ट्रेशन स्टूडेंट के लिए था। ऐसे में रजिस्ट्रेशन में निर्धारित डेट के बाद अर्हता पाने वाले स्टूडेंट को इससे कोई फायदा नहीं हुआ और वे एडमिशन नहीं पा सके। कोई राहत नहीं मिलने पर एसोसिएशन हाईकोर्ट चली गई पूरे मामले की जस्टिस सरल श्रीवास्तव की कोर्ट में सुनवाई हुई। एसोसिएशन के मुताबिक यूनिवर्सिटी ने 16 अक्टूबर तक एडमिशन की अनुमति दी जबकि वे पांच अक्टूबर को ही प्रत्यावेदन दे चुके थे। वहीं, यूनिवर्सिटी की काउंसिल ने कहा है कि वर्तमान स्थिति में पोर्टल नहीं खोला जा सकता।

यूनिवर्सिटी के पाले में गेंद

काउंसिल ने कहा है कि एसोसिएशन वीसी को प्रत्यावेदन दे चुकी है और वे इस पर विचार करेंगे.ऐसे में याचिका को लंबित रखने का कोई औचित्य नहीं है, कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद वीसी प्रो। एनके तनेजा को ऑर्डर मिलने औचित्य नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद वीसी को ऑर्डर मिलने की डेट से एक महीने में याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन पर विचार करने को कहा है। कोर्ट ने अपने ऑर्डर में यह भी कहा है कि इस मामले में अनेक स्टूडेंट का करियर जुड़ा हुआ है, ऐसे में एसोसिएशन प्रत्यावेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। इस ऑर्डर के साथ ही कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी है। वहीं अब यूनिवर्सिटी को नए रजिस्ट्रेशन खोलने पर विचार करना होगा। चूंकि नवम्बर के तीसरे हफ्ते में परीक्षाएं होनी हैं और इस वक्त फार्म भरे जा रहे हैं, ऐसे में स्टूडेंट के रजिस्ट्रेशन की गेंद अब यूनिवर्सिटी के पाले में है।

स्टूडेंट के बारे में विचार किया जा रहा है, जल्द ही पोर्टल खोला जा सकता है, अभी कमेटी मीटिंग कर जल्द ही फैसला देगी।

प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू

Posted By: Inextlive