-नगर निकाय चुनाव के संबंध में होना है ओबीसी रैपिड सर्वे

-हीलाहवाली पर एडीएम प्रशासन ने ली अफसरों की क्लास

-सरधना, दौराला, मवाना ईओ का स्पष्टीकरण तलब

Meerut : ओबीसी रैपिड सर्वे में लापरवाही पर जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। सोमवार को सर्वे में हिस्सा न ले रहे नगर निगम क्षेत्र के 52 प्रगणकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश एडीएम प्रशासन दिनेश चंद्र ने दिए हैं तो वहीं एडीएम ने सरधना, दौराला, मवाना के ईओ से सर्वे की धीमी गति पर स्पष्टीकरण तलब किया है।

एडीएम ने की बैठक

एडीएम प्रशासन दिनेश चन्द्र ने कलक्ट्रेट स्थित बचत भवन में नगर निकायों में पिछड़ी जाति के रैपिड सर्वे कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो भी कर्मचारी/अधिकारी सर्वे कार्य को बाधित करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एडीएम ने निर्देश दिए कि नगर निकायों में पिछड़ी जाति के रैपिड सर्वे के कार्य को अन्तिम दो दिनों में तीव्रता के साथ सम्पन्न कराना है। 26 अप्रैल 2017 की सायं 4 बजे तक सभी सर्वे संबंधी सभी जानकारी निर्धारित प्रारूपों में उपलब्ध करानी होगी।

इनके खिलाफ कार्रवाई

लोनिवि के 6, गंगनहर सिंचाई विभाग के 3, बाल विकास परियोजना के 9, एमडीए के 26, चीनी आयुक्त के 6, जिला विकास अधिकारी कार्यालय के एक, उप्र पुलिस के एक गैरहाजिर चल रहे प्रगणक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश नगर निगम को एडीएम ने दिए हैं। बैठक में एसडीएम सदर अरविन्द सिंह, मवाना अरविन्द कुमार सिंह, अपर नगरआयुक्त राम भरत तिवारी आदि अफसर मौजूद थे।

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इनसेट

शहर में चार लाख से अधिक घर

शहर की आबादी करीब 22 लाख है। औसतन पांच की संख्या पर शहर में करीब चार लाख प्रॉपर्टीज का सर्वे करना है। दो दिन में इस संख्या को पूरा करना प्रगणकों के लिए मुश्किल है। 27 अप्रैल को सर्वे की फाइनल रिपोर्ट सौंपनी है। निगम ने रैपिड सर्वे के लिए तीन जोन बनाए हैं। इसमें मुख्यालय जोन, कंकरखेड़ा जोन तथा शास्त्री नगर जोन। हर जोन का एक अधिकारी भी नियुक्त कर दिया है। सर्वे के मुख्य अधिकारी अपर नगर आयुक्त रामभरत तिवारी हैं।

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ओबीसी रैपिड सर्वे में हीलाहवाली करने वालों के खिलाफ मुकदमे के आदेश दिए गए हैं। 26 अप्रैल तक सर्वे की रिपोर्ट सबमिट करनी होगी।

-दिनेश चंद्र, एडीएम प्रशासन, मेरठ

Posted By: Inextlive