-रात का जागकर कर लक्ष्मी की पूजा से मिलता है आर्शीवाद

-चंद्रमा की चांदनी में रखी खीर खाने से होते है विकार दूर

Meerut: आप यदि घर में सुख शांति और लक्ष्मी जी की विशेष कृपा चाहते हैं तो रात्रि जागरण कर लक्ष्मी जी का पूजन करें। गंभीर रोगों से निजात पाने के लिए खीर तैयार कर चंद्रमा की रोशनी में पूरी रात रखें। दूसरे दिन सुबह उसे खाएं।

पंडित वीके कात्यायन ने बताया कि शरद पूर्णिमा यानी कोजागर व्रत मंगलवार को है। यह पूर्णिमा अपने आप में विशेष महत्व रखती है। इस पूर्णिमा की रात्रि में जागरण करने और माता लक्ष्मी और एरावत हाथी पर आसीन देवराज इंद्र की पूजा करने से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस पूर्णिमा की रात्रि में माता लक्ष्मी मृत्यु लोक में भ्रमण को निकलती है और ये कहती हुई निकलती है कि कोजागर यानी कौन जाग रहा है। इस समय जो भी जागता है, उसे माता लक्ष्मी धन वैभव प्रदान करती हैं। इस पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। इस रात्रि में पंचमेवा युक्त खीर बनाकर चंद्रमा किरणों में रात्रि पर्यंत रखी जाती है। ये खीर खाने से रोगी रोग मुक्त हो जाता है। जो लोग खीर प्रसाद ग्रहण करते हैं, वे लोग वर्ष पर्यंत गंभीर रोगों से दूर रहते हैं। इस शरद पूर्णिमा पर रेवती नक्षत्र और हर्षण योग का दिव्य संयोग बन रहा है।

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शरद पूर्णिमा विशेष -

-इस दिन प्रात:काल जल्दी उठें। सूर्योदय से पूर्व शयनकक्ष त्याग दें।

-ऐरावत हाथी पर आसीन देवराज इंद्र और माता लक्ष्मी की पूजा करें।

-पूरे दिन व्रत रखें। फलादि का सेवन कर सकते हैं।

-रात्रि में घी के 101 दीपक जलाएं। मंदिर में दीपक दान करें।

-रात्रि में श्रीसूक्त लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें। जागरण करें।

इस दिन वाल्मीकि जयंति मनाई जाती है। चूंकि वाल्मीकि एक कवि थे। वाल्मीकि को प्रभू श्री राम से जोड़कर देखा जाता है। कवियों के लिए यह दिन बहुत अच्छा है।

पंडित चिंतामणी जोशी-- प्रचार्य विलेश्वर नाथ महाविद्यालय

Posted By: Inextlive