देहरादून: राज्य शैक्षिक एवं प्रबंधन प्रशिक्षण केंद्र (सीमैट) के लीडरशिप कोर्स के समापन समारोह में 41 प्रिंसिपल्स को प्रमाण पत्र दिए गए। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास करने के लिए मंगलौर जीजीआईसी की प्रधानाचार्य राधा भारद्वाज को सम्मानित किया गया।

सीमैट सभागार में हुआ आयोजन

मंगलवार को ननूरखेड़ा स्थित सीमैट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिक्षा सचिव डॉ। भूपिंदर कौर औलख ने प्रिंसिपल्स के साथ शिक्षा सुधार पर अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों में बेहतर प्रबंधन के जरिए प्रधानाचार्य 'अभाव में प्रभाव' छोड़ सकते हैं। सचिव ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को सेवानिवृत्त शिक्षकों के जरिए पूरा करने का प्रस्ताव निदेशक से मांगा है। प्रिंसिपल्स की सफलता की कहानियों को विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने और केंद्र सरकार को भेजने पर उन्होंने जोर दिया। महानिदेशक ज्योति यादव ने कहा कि सरकार और विभाग स्तर की सूचनाओं को स्कूल तक पहुंचाने के लिए सूचना प्रबंधन इकाई का गठन किया जाएगा। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी ने भी प्रिंसिपल्स के साथ विचार साझा किए। इस दौरान समग्र शिक्षा अभियान की एपीडी वंदना गब्र्याल, विभागाध्यक्ष एसबी जोशी, विनोद ढौंडियाल, डॉ। मोहन सिंह बिष्ट, डॉ। मदन मोहन उनियाल, डॉ। विनेाद ध्यानी आदि भी मौजूद रहे।

प्राइमरी कक्षाओं का भी संभाला जिम्मा

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास करने के लिए सम्मानित मंगलौर जीजीआइसी की प्रधानाचार्य राधा भारद्वाज ने स्कूल परिसर में स्थित प्राईमरी और जूनियर हाईस्कूल में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए नया प्रयोग किया। स्कूल में इंटर स्तर के लिए तैनात 11 प्रवक्ता अपनी कक्षा के साथ-साथ निचली कक्षाओं में भी पढ़ाते हैं। राधा खुद भी प्राईमरी कक्षाओं को पढ़ाती हैं। शिक्षा सचिव ने राधा की तारीफ की और उन्हें प्रशस्ति पत्र भी दिया।

Posted By: Inextlive