अक्सर खिलाड़ी टूर्नामेंट्स में पार्टिसिपेट न करने की वजह इंजरी या हेल्थ इश्यूज को बताते हैं. लेकिन इंडियन टेनिस के बादशाह लिएंडर पेस ने एशियन गेम्स में न खेलने की कुछ अलग और अजीब वजह बताई है. पेस ने कहा खिलाड़ियों को भी अपनी 'रोजी-रोटी' कमानी होती है. उनके साथी रोहन बोपन्ना ने भी इस लॉजिक को सपोर्ट किया है. क्वालालंपुर और टोक्यो में इन दोनों टूर्नामेंट्स की डेट एशियन गेम्स से क्लैश कर रही हैं.

हमें भी फैमिली चलानी है
एशियन गेम्स से धड़ाधड़ हटने पर टेनिस खिलाडिय़ों की कमिटमेंट सवाल खड़े हो गए हैं. लेकिन टॉप प्लेयर्स अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उनके सामने भी अपनी 'रोजी रोटी' कमाने की जिम्मेदारी है. लिएंडर पेस ने बुधवार को दूसरे खिलाडिय़ों की ओर से इस फैसले को समझाने की कोशिश की. सर्बिया के खिलाफ डेविस कप मुकाबले से पहले पेस ने मीडिया से कहा कि यह मेरी रोजी रोटी है और आखिर मेरी रैंकिंग भी 35वें नंबर तक खिसक गई है. इसलिए मुझे अगले साल के लिए अपने काम को लेकर सिक्योरिटी चाहिए. आखिर में मुझे लंबा सेशन खेलना है.
मैंने देश की काफी सेवा की है: पेस
पेस ने कहा कि सिर्फ एक टूर्नामेंट को लेकर उनकी देशभक्ति और कमिटमेंट पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. उन्होंने कहा कि मैंने 24 साल से ज्यादा टाइम तक देश के लिए अपने खेल को समर्पित किया है. मैंने हमेशा अपना बेस्ट देने की कोशिश की है. अब मेरे सामने भी फैमिली को संभालने की जिम्मेदारी. इसलिए मुझे अपने करियर को सिक्योर करने की जरूरत है. इसलिए मैं सोच-समझकर टूर्नामेंट्स चूज करूंगा.
एशियन गेम्स से हटना मुश्किल फैसला: बोपन्ना
बोपन्ना ने भी कहा कि उनके लिए यह फैसला करना आसान नहीं था. उन्होंने कहा कि एशियन प्लेयर्स होने के नाते हम एशियन गेम्स को लेकर उत्साहित रहते हैं. लेकिन जैसा कि पेस ने कहा कि यह हमारे लिए मुश्किल साल रहा है. पिछले साल मैं टोक्यो में जीता था इसलिए मुझे वहां अपना खिताब बचाना होगा. इसलिए यह मुश्किल फैसला था. इसका देश को रिप्रेजेंट करने या नहीं करने से कुछ लेना देना नहीं है. जब भी हमें बुलाया गया अपने देश को रिप्रजेंट किया.

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Posted By: Shweta Mishra