Bareilly: कैंट एरिया में पिछले कई दिनों से तेंदुए की आहट ने लोकल रेजीडेंट्स की नींद उड़ा दी है. सिविलयंस के साथ-साथ आर्मी को भी तेंदुए को लेकर अलर्ट जारी करना पड़ रहा है. कैंट में रहने वालों की लाइफस्टाइल पर भी इसका बुरा इफेक्ट पड़ा है. एक ओर जहां पेरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने में हिचक रहे हैं तो इवनिंग वॉकर्स ने भी अपना शेड्यूल चेंज कर दिया है.


जारी किए गए alertsकैंट एरिया में आए तेंदुए ने यहां के रेजीडेंट्स की लाइफस्टाइल बदल कर रख दी है। लोग दहशत के चलते शाम के समय अकेले घर से निकलने को अवॉयड कर रहे हैं। सिविलियंस ही नहीं बल्कि आर्मी की डिफरेंट बटालियंस में भी प्रीकॉशनरी अलट्र्स जारी कर दिए गए हैं। वहीं कैंट एरिया के स्कूल्स में पढऩे वाले बच्चों के पेरेंट्स में भी डर बना हुआ है। Evening walkers हुए कम


कैंट के रेजीडेंट्स की मानें तो जब से कैंट एरिया में लेपर्ड के आने और जगह-जगह उसके देखे जाने की बाते सुनी गई हैं तबसे लोगों में खौफ बना हुआ है। बच्चों क ो शाम के बाद घर से बाहर ना निकलने की हिदायतें दी जा रही हैं। वहीं कैंट एरिया में इवनिंग वॉकर्स के नंबर में भी जबरदस्त गिरावट आई है। शॉप ओनर्स की मानें तो लोग शॉपिंग भी दिन ढलने से पहले करना ही ठीक समझ रहे हैं। वहीं कैंट एरिया में शाम के समय में लोग टू व्हीलर्स के बजाय फोर व्हीलर्स का यूज कर रहे हैं।रेस्टोरेंट्स में footfall कम

कैंट एरिया के रेस्टोरेंट्स में भी तेंदुए की दहशत का असर दिखाई दे रहा है। रेस्टोरेंट ओनर के मुताबिक जब तक लेपर्ड आउटर एरिया में था, तब तक कोई असर नहीं दिखाई दे रहा था। जबसे वह केवी जेएलए में देखा गया उसके बाद से इसका असर दिखना शुरू हो गया। रेस्टोरेंट्स में यूथ की ही आमद रहती थी, जो लास्ट वन वीक से नदारद है। फुटफॉल में 30 परसेंट तक गिरावट दर्ज की गई है। वहीं समर सीजन में ज्यादातर लोग शाम को ही घरों से निकलते हैं, पर तेंदुए का अलर्ट जारी होने के बाद से लोग अंधेरा होने से पहले घर जाने की जल्दी में रहते हैं। स्कूल भेजने में tentionकैंट एरिया में कई स्कूल होने से पूरे सिटी के पेरेंट्स में बच्चों को स्कूल भेजने क ो लेकर टेंशन बरकरार है। कई पेरेंट्स अपने छोटे बच्चों क ो वैन से भेजने के बजाय खुद ही स्कूल ड्रॉप करने लगे हैं। दहशत का अंदाजा भी इस बात से लगाया जा सकता है कि फ्राइडे को असेंबली टाइम में सेंट मारिया गोरिटी में लेपर्ड दिखने के बाद स्कूल में एक दिन की छुट्टी कर दी गई। हालांकि, पेरेंट्स का कहना है कि स्कूल बंद करने के बजाए लेपर्ड को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए। तभी हम खुद को और बच्चों को सुरक्षित महसूस करेंगे।JRC में स्पेशल इंस्ट्रक्शंस

जाट रेजीमेंट सेंटर के मीडिया कोऑर्डिनेटर लेफ्टिनेंट कर्नल मधुकर झा ने बताया कि सेंटर में शाम सात बजे के बाद किसी भी व्यक्ति को सिंगल जाने के लिए मना किया गया है। वहीं सभी गाड्र्स क ो भी लांग स्टिक्स प्रोवाइड करवाई गई हैं। रेजीडेंशियल एरियाज में प्रीकॉशनरी अलर्ट जारी किया गया है।  यहां रात भर जलती है मशालपीबी मार्ग से सेटेलाइट तक फैली 883 एनिमल ट्रांसपोर्ट बटालियन के सीओ संजीव पटियाल ने बताया कि जब से कैंट एरिया में लेपर्ड के लिए अलर्ट जारी किया गया है, तब से हम भी एनिमल्स के प्रोटेक्शन को लेकर ज्यादा चिंतित हो रहे हैं। इसके लिए हमने रात के समय एक्स्ट्रा गाड्र्स की ड्यूटी लगाई है। बटालियन में जहां-जहां एनिमल्स के लिए शेड बनाए गए हैं, वहां पूरी रात मशाल जलाई जाती है ताकि कोई भी एनिमल अटैक ना कर सके।दुधवा पार्क से पहुंची नई teamफ्राइडे को सेंट मारिया गोरिटी की दीवार पर तेंदुए देखे जाने के बाद ही दुधवा नेशनल पार्क से एक बार फिर डॉ। सिंह के नेतृत्व में दो लोगों की स्पेशलाइज्ड ट्रैंकुलाइजिंग टीम बुला ली गई है। हालांकि, सैटरडे को पूरे दिन लेपर्ड को देखे जाने की कोई इंफॉर्मेशन नहीं मिली है।
मेरा बेटा रिक्शे में आता है पर सेंट मारिया में लेपर्ड दिखने की इंफार्मेशन के बाद उसे खुद ही स्कूल ड्रॉप करना मुनासिब समझा। प्रशासन को जल्द से जल्द तेंदुआ पकड़वा देना चाहिए।- प्रताप सिंह, पेरेंटमेरी बच्ची छोटी है। तेंदुए की इंफॉर्मेशन मिलने के बाद तो उसे स्कूल भेजने में डर लगने लगा है। अधिकारियों को जल्द से जल्द तेंदुए को पकड़ कर जंगल में भेज देना चाहिए। - वंदना, पेरेंटरेस्टोरेंट में तो कस्टमर्स के आने का समय शाम को ही होता है पर अंधेरा होने के बाद कस्टमर्स नहीं आते हैं। लेपर्ड के  आने की इंफॉर्मेशन के बाद तो कस्टमर्स का फुटफॉल 30 परसेंट तक कम हो गया है।- अंकित गेरा, रेजीडेंट
कैंट वन वीक पहले गोल्फ कोर्स पर लेपर्ड के फुट प्रिंट्स मिलने के बाद से कोई भी फुट प्रिंट्स नहीं मिले हैं। हालांकि एनिमल को देखे जाने की इंफॉर्मेशन मिली है पर जहां भी कांबिंग की वहां कुछ भी नहीं मिला। मेरा अनुमान है कि नदी के पास वाले जंगल में नील गाय आदि मौजूद हैं, वही तेंदुए का फूड होती हैं। उसे वहां रहने में ही कोई प्रॉब्लम नहीं हो सकती है। ऐसे में, हो सकता है कि लेपर्ड उसी जंगल में हो। प्रीकॉशन के लिए दुधवा नेशनल पार्क से एक्सपर्ट की टीम बुला ली गई है।धर्म सिंह, डीएफओयह सही है कि लेपर्ड के पकड़े नहीं जाने से दहशत बनी हुई है। जहां भी उसे देखा जा रहा है वहां उसके फुट प्रिंट्स नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को लेपर्ड को पकडऩे में दिक्कतें आ रही हैं। मैंने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को कैंट को जल्द से जल्द लेपर्ड से मुक्त कराने के लिए कहा है।कर्नल योगेंद्र कुमार, एडम कमांडेंट, स्टेशन हेड क्वॉर्टर

Posted By: Inextlive