-खनन पट्टाधारकों ने प्रशासन के नोटिस को छह माह दबाए रखा

-खनन की पुष्टि होने के बाद भी नुकसान की वसूली नहीं हो पायी

HARIDWAR(JNN): खनन पट्टाधारकों ने प्रशासन के नोटिस को छह माह दबाए रखा तो प्रशासन भी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाया। प्रशासनिक जांच में अवैध खनन की पुष्टि होने के बाद भी पट्टाधारकों से नुकसान की वसूली नहीं हो पायी। पट्टाधारक नोटिस का जवाब देने के बजाय फिर से खनन खोलने की मांग कर रहे हैं।

पट्टे आवंटन के बाद जमकर खनन

अवैध खनन के लिए कुख्यात रहे हरिद्वार में सिल्ट हटाने से लेकर निजी नाप भूमि तक पर खनन की अनुमति दी गई। आपदा में सिल्ट हटाने के नाम पर भी अवैध खनन हुआ। उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पायी। इसके बाद निजी भूमि पर खनन पट्टे आवंटित हुए तो जमकर अवैध खनन हुआ। खनन पट्टा धारकों ने अपनी सीमा को लांघ कर जमकर खनन किया। खनन पट्टाधारकों के पास पर्यावरण की एनओसी भी नहीं थी। प्रशासनिक जांच में पट्टों के अपनी हद को लांघ कर व अनुमति से अधिक गहराई में खनन की बात सामने आ चुकी है। प्रशासन ने ब्म् खनन पट्टों को निलंबित तो कर नोटिस तो दे दिया। लेकिन छह माह बाद भी इन नोटिसों का जवाब नहीं आया।

खनन की अनुमति मिल जाए

खनन पट्टाधारकों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया तो प्रशासन के स्तर से भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। खनन के पट्टे शासन के स्तर से जारी थे। शासन ने भी खनन पट्टों को रद नहीं किया, छह माह से केवल वे निलंबित ही चल रहे हैं। अब खनन पट्टाधारक चाहते हैं कि उन्हें फिर खनन की अनुमति मिल जाए। लेकिन सवाल यह है कि आखिर जो अवैध खनन हुआ उसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो पायी। अवैध खनन से कितना आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान हुआ इसका आंकलन भी नहीं हो पाया। अगर खनन पट्टाधारक नोटिस का जवाब नहीं देंगे तो कार्रवाई से बचते रहेंगे। अब खनन पट्टों के लिए नए आवेदन आने के बाद खनन का मामला फिर चर्चाओं में आया है। निलंबित खनन पट्टाधारकों के साथ दो बार प्रशासन की बैठक भी हो चुकी है पर वे नोटिस का जवाब देने से बच रहे हैं।

---------------

खनन को लेकर उठते सवाल

-पट्टाधारकों के नोटिस का जवाब न देने पर प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की

- नोटिस का जवाब नहीं दिया गया तो क्या पट्टों पर नहीं होगी कार्रवाई

- अवैध खनन से कितना आर्थिक व पर्यावरणीय नुकसान हुआ

- आखिर किस डर से नहीं दिया जा रहा है नोटिस का जवाब

----------------

नियमों की अनदेखी कर खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी। नोटिस का जवाब सभी को देना होगा।

-डी सेंथिल पांडियन, डीएम हरिद्वार

Posted By: Inextlive