दिनोंदिन बढ़ रहे हैं हाइपरटेंशन के मरीज

30 से 40 मरीज हाइपरटेंशन के रोजाना आते हैं जिला अस्पताल में

40 की उम्र के बाद हाइपरटेंशन की शिकायत महिलाओं को अधिक होती है

120 मरीज जिला अस्पताल के कार्डियोलॉजी की ओपीडी में रोजाना आते हैं जिनमें 70 प्रतिशत मरीजों को हाइपरटेंशन की शिकायत रहती है

150 से 200 से अधिक ईसीजी होती है जिला अस्पताल में रोजाना

60 प्रतिशत किडनी की समस्या के केस हाइपरटेंशन की वजह से

10 में से 5 लोगों में हाइपरटेंशन की शिकायत मिल रही है

50 से 60 प्रतिशत लोग इसकी जद में आ रहे

दिल , किडनी और आंखों के लिए है खतरनाक

दिल, दिमाग, किडनी, आंखों की बीमारियों से ग्रसित अधिकतर मरीजों को हाइपरटेंशन की शिकायत मिलती है।

25 से 30 मरीज हाइपरटेंशन के आते हैं मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में रोजाना

Meerut। टेक्नोलॉजी ने इंसान और उसकी जीवन शैली को मशीन जैसा बना दिया है। आउटडोर एक्टिविटीज न होने से ज्यादातर लोग डिप्रेशन व स्ट्रेस से घिर रहे हैं। गुस्सा बढ़ने से हाई बीपी की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है। नतीजतन हाइपरटेंशन जैसी बीमारी चुपके से एंट्री मारकर दिल और किडनी को टेंशन दे रही है। डाक्टर्स की मानें तो 10 में से हर 5 लोगों में हाइपरटेंशन की शिकायत मिल रही है। जबकि हार्टअटैक और स्ट्रोक के मामलों में सबसे अधिक वजह हाइपरटेंशन ही है।

यह है लक्षण

बीपी 140 से अधिक होना

चक्कर आना, उल्टी होना, सिर घूमना

सिर में तेज दर्द, नाक से खून आना

तनाव, थकान

कारण

मोटापा, आनुवांशिक, तैलीय भोजन, जरूरत से ज्यादा काम करना, अकारण परेशान होना, टेंशन

ऐसे करें बचाव

हाइपरटेंशन से बचने के लिए जीवनशैली में सुधार लाएं।

खाने में नमक का कम से कम सेवन करें ।

स्ट्रेस फ्री रहने के लिए योग का सहारा लें।

शराब का सेवन व धूम्रपान न करें

अधिक मात्रा में चाय या कॉफी लें

प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी पीएं

मोटापे से बचे

रोजाना 20 से 30 मिनट का व्यायाम अवश्य करें।

बीपी और थॉयराइड की जांच कराते रहें।

इनका है कहना

हाइपरटेंशन के स्पेसीफाइड लक्षण न होने की वजह से इसे शुरुआत में पहचानना मुश्किल होता है। लोग बस बीपी समझकर इग्नोर करते रहते हैं। बच्चों में भी यह समस्या काफी आम हो गई है। यह आंख, किडनी और दिल समेत सभी बॉडी पार्टस पर असर डालती है।

डॉ। रवि राणा, मनोचिकित्सक, मेडिकल कॉलेज

हाइपरटेंशन की वजह से हार्ट में ब्लड सकरुेलेशन ठीक से नहीं हो पाता है। ब्लड के थक्के बनने शुरू हो जाते हैं। धमनियों में खून नहीं पहुंच पाता है जिससे हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

डॉ। आरती फौजदार, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट, िजला अस्पताल

हाइपरटेंशन आंखों के लिए बहुत खतरनाक हैं। इससे आंखों की रेटिना की नसें डैमेज होने के चांस बढ़ जाते हैं, जिससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है। बच्चों पर इसका व्यापक असर होता है।

डॉ। पीके वाष्र्णेय, वरिष्ठ आई सर्जन, जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive