- क्लैट एंट्रेंस एग्जाम में 93 परसेंट कैंडीडेंट्स हुए शामिल

- देश के 160 सेंटर्स पर 45,075 कैंडीडेट्स ने दिया एग्जाम

- राजधानी में 11 सेंटर पर 2,711 ने दी परीक्षा

LUCKNOW: देश के प्रतिष्ठित लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट)-2016 का ऑनलाइन एंट्रेंस एग्जाम संडे को आयोजित किया गया। इस बार यह एंट्रेंस एग्जाम देश के 16 यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए हुआ। हालांकि क्लैट में तकनीकी खामियों के कारण स्टूडेंट्स को थोड़ी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा। यह परीक्षा देश के 160 सेंटर्स पर आयोजित की गई, जिसमें करीब 93.5 परसेंट कैंडीडेट्स एग्जाम में शामिल हुए।

पूरे देश में 160 सेंटर्स पर परीक्षा

देश की 16 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए क्लैट-2016 की परीक्षा राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से देश के 160 सेंटर्स पर कराई गई। पहली बार इसके क्वेश्चन पेपर हर सब्जेक्ट के अलग-अलग प्रश्न थे। कैंडीडेट्स ने अपनी पसंद के सब्जेक्ट के क्वेश्चन पहले सॉल्व किये। इस पेपर में इंग्लिश ने कैंडीडेटस को सबसे ज्यादा राहत दी।

राजधानी में 2,711 ने दी परीक्षा

क्लैट के कोऑर्डिनेटर डॉ। आनंद पवार ने बताया कि इस बार कुल 60 शहरों के 160 सेंटर्स पर 45075 कैंडीडेट्स ने एग्जाम दिया। वहीं राजधानी में 11 सेंटर्स पर यह परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें कुल 2,711 कैंडीडेट्स ने अपीयर किया। सूचना के अनुसार, राजधानी में 93 फीसदी कैंडीडेट्स ने क्लैट का एग्जाम दिया। एग्जाम दोपहर 3 बजे से शुरू हुआ, लेकिन कैंडीडेट्स को दो घंटे पहले यानी एक बजे ही अपने सेंटर पर पहुंचना था। सभी कैंडीडेट्स की बायोमैट्रिक अटेंडेंस कराई गई और फोटोग्राफी भी करवाई गई। ऑनलाइन मोड के इस एग्जाम में स्क्रीन के राइट साइड में क्वेश्चन पेपर बार था। पेपर देखने के बाद अपने पसंद के सब्जेक्ट के क्वेश्चन सॉल्व करने का ऑप्शन भी मौजूद रहा। क्लैट के जोनल कोआर्डिनेटर संजय दिवाकर ने बताया कि राजधानी के रायल पीजी कॉलेज के सेंटर कोआर्डिनेटर को परीक्षा के दौरान मीडियाकर्मियों की शिकायत पर हटाया गया।

टफ नहीं आई इंग्लिश

एग्जाम देने आई आयुषी मेहरोत्रा ने बताया कि कुल 200 सवाल थे। इसमें पांच सेक्शन इंग्लिश, लॉजिकल रीजनिंग, लीगल रीजनिंग, मैथ और सामान्य ज्ञान थे। इन सभी सेक्शन में से इंग्लिश सबसे आसान था। वहीं, दक्षा चतुर्वेदी ने बताया कि 110 मा‌र्क्स के इस पेपर में निगेटिव मार्किंग भी थी। हर चार गलत प्रश्नों पर एक आंसर के नंबर कटने हैं। राहुल राज ने बताया कि पिछली बार इंग्लिश टफ थी, लेकिन इस बार आसान आई है। उन्होंने बताया कि सामान्य ज्ञान में पूछा गया पंजाबी लैंग्वेज पर प्रश्न भी पूछा गया। इसके साथ ही लीगल रीजनिंग ने थोड़ा कंफ्यूज किया।

हाई हो सकती है कटऑफ

एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक, पिछले तीन साल के मुकाबले इस बार सबसे आसान पेपर आया है। ऐसे में क्लैट में एडमिशन की राह और भी मुश्किल हो गई है। टीम सत्यम की सुरभि सहाय ने बताया कि इस साल की कट ऑफ पिछले साल के मुकाबले 15 नम्बर ऊपर जा सकती है। पिछले साल कट ऑफ 117 थी, जो इस साल 135 तक जाने की उम्मीद है। बंगलुरू और हैदराबाद देश के टॉप लॉ कॉलेज में शुमार किये जाते हैं। पिछले साल बंगलुरु और हैदराबाद में 138 कट ऑफ रही थी। जबकि एक्सपर्ट के मुताबिक इस बार इन दो संस्थानों में दाखिले के लिए कैंडीडेट्स को 155 से अधिक मा‌र्क्स लाने होंगे। वहीं लखनऊ के राम मनोहर लोहिया लॉ कॉलेज में दाखिले के लिए इस बार कैंडीडेट्स को 143 से 145 मा‌र्क्स तक पर एडमिशन की उम्मीद है।

अमान्य स्टडी सेंटर में हुआ क्लैट

क्लैट-2016 में राजधानी में बने एक परीक्षा केन्द्र रविवार को विवादों के घेरे में आ गया। इस राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के लिए हजरतगंज में रॉयल पीजी कॉलेज से संचालित एक अमान्य स्टडी सेंटर को परीक्षा का केन्द्र बना दिया गया। खुलासे से आयोजकों में हड़कंप मच गया। परीक्षा के दौरान गड़बड़ी की आशंका के चलते यहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। डॉ। राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ। गुरदिप सिंह खुद 35 मिनट तक सेंटर पर मौजूद रहे। परीक्षा के तुरंत बाद इस तरह से संस्थानों को दोबारा सेंटर न बनाने और कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट भेजी गई है। रॉयल पीजी कॉलेज मूल रूप से एक स्टडी सेंटर है। जहां प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कोर्सेज का संचालन किया जाता है। यूजीसी ने इस तरह से स्टडी सेंटर पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है। स्टडी सेंटर के माध्यम से डिग्री बांटने वाले यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्रवाई तक के लिए कहा है।

सेंटर की संदिग्ध परिस्थितियों को देखते हुए यहां की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। 120 कैंडीडेट्स पर दो पर्यवेक्षक लगाए गए। वीसी डॉ। गुरदिप सिंह भी मौके पर थे। दोबारा इस तरह से सेंटर न बनाने के साथ ही परीक्षा कराने वाले कम्पनी के भुगतान में कटौती की रिपोर्ट भेज दी गई है।

- संजय दिवाकर,

जोनल को-आर्डिनेटर, क्लैट-2016

Posted By: Inextlive