- सुबह 10 बजे श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में घुसा लैपर्ड

- दो सिक्योरिटी गार्ड और एक कर्मचारी पर अटैक, घायल

- फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम और शूटर कर रहे लैपर्ड को सर्च

श्रीनगर गढ़वाल: श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में संडे को लैपर्ड ने अटैक कर दिया। सुबह करीब 10 बजे लैपर्ड मेडिकल कॉलेज में घुसा। लैपर्ड ने दो सिक्योरिटी गार्ड और एक अन्य कर्मचारी पर अटैक कर उन्हें घायल कर दिया। तीनों को बेस हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। लैपर्ड को सर्च करने के लिए पौड़ी से फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम पहुंची है, एक शूटर भी टीम के साथ है। देर शाम तक भी लैपर्ड की लोकेशन पता नहीं चल पाई।

लैपर्ड के कब्जे में 4 मंजिला बिल्डिंग

फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम को लैपर्ड की लोकेशन पता करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज की चार मंजिला बिल्डिंग में कम्युनिटी मेडिसन और पैथोलॉजी डिपार्टमेंट की बिल्डिंग इंटरकनेक्ट हैं। कॉलेज में लैपर्ड के कब्जे से एमबीबीएस स्टूडेंट्स और स्टाफ दहशत में हैं।

वर्कशॉप के दौरान पहला अटैक, एक जख्मी

संडे सुबह करीब 10 बजे थे। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट से सटे लेक्चर थिएटर में डॉक्टर्स की वर्कशॉप चल रही थी। थिएटर के दायीं ओर फार्माकॉलॉजी कोरिडोर में तभी बाघ-बाघ का शोर हुआ। कॉलेज के कर्मचारी युद्धवीर सिंह रावत जैसे ही अपने ऑफिस से बाहर निकले, लैपर्ड दहाड़ता हुआ उन पर झपट पड़ा और जख्मी कर दिया। लैपर्ड के कॉलेज में घुसने से हड़कंप मच गया। फॉरेस्ट टीम और श्रीकोट और श्रीनगर से पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई। लैपर्ड की लोकेशन पता करने की कोशिश की गई, लेकिन लोकेशन नहीं मिली।

दोपहर डेढ़ बजे दूसरा अटैक, दो जख्मी

करीब दो घंटे लैपर्ड की तलाश के बाद जब उसकी लोकेशन नहीं मिली तो फॉरेस्ट और पुलिस टीम ने सोचा कि लैपर्ड निकल चुका होगा। अचानक लगभग डेढ़ बजे इसी बि¨ल्डग की तीसरी मंजिल पर माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के पास लैपर्ड ने सिक्योरिटी सुपरवाइजर अनुसूया प्रसाद मलासी और सिक्योरिटी गार्ड उमेद सिंह बिष्ट पर अटैक कर उन्हें घायल कर दिया। शाम करीब चार बजे पौड़ी से डीएफओ लक्ष्मण सिंह रावत भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गये।

गुलदार फिसला तो बच गई जान

फार्माकॉलॉजी डिपार्टमेंट में जब लैपर्ड ने युद्धवीर पर अटैक कर उसे जमीन पर गिरा दिया तो वह उसका गला पकड़ने के लिये बढ़ा। इसी दौरान युद्धवीर ने बहादुरी से अपने कंधे और बायें हाथ के प्रहार से लैपर्ड को धकेल दिया, लैपर्ड कॉरीडोर पर लगी टाइल्स पर फिसल गया और युद्धवीर मौका पाकर बच निकले।

डंडों से किया लैपर्ड का मुकाबला

59 वर्षीय सुरक्षा सुपरवाइजर अनुसूया प्रसाद मलासी और 58 वर्षीय सुरक्षा गार्ड उमेद सिंह बिष्ट पर जब लैपर्ड ने हमला किया तो वे मेडिकल कॉलेज की की क्लासेज के डोर बंद कर रहे थे। जैसे ही दोनों माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के पास पहुंचे, लैपर्ड दहाड़ता हुआ उनके ऊपर कूद पड़ा। दोनों को घायल कर दिया, दोनों के पास उस समय डंडे थे, डंडों से ही लैपर्ड का मुकाबला किया और अपनी जान बचाई। लैपर्ड फिर बिल्डिंग में घुस गया।

लैपर्ड या टाइगर

फार्माकॉलॉजी डिपार्टमेंट में सबसे पहले लैपर्ड को देखने वाले मनबर रावत ने बताया कि जिस लेक्चर थिएटर में डॉक्टर्स की वर्कशॉप चल रही थी, उसी के पास की रे¨लग से दहाड़ते हुए छलांग लगाने वाले जानवर के बदन में बड़ी-बड़ी गहरी धारियां दिखाई दीं। वह आकार में भी काफी बड़ा था, ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि वह टाइगर हो सकता है।

लैपर्ड मेडिकल कॉलेज की मेन बि¨ल्डग में घुसा है। इस कैंपस में स्टूडेंट्स और फैकल्टी के आवास भी हैं। ग‌र्ल्स और ब्वॉयज दोनों हॉस्टल इसी कैंपस में हैं। मंडे से क्लासेज शुरू होनी हैं, लेकिन लैपर्ड की दहशत है।

- प्रोफेसर डॉ। चंद्रमोहन सिंह रावत, प्रिंसिपल

मेडिकल कॉलेज की बि¨ल्डग में घुसे लैपर्ड को पकड़ने के लिए हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं। वन विभाग की ट्रेंकुलाइजर टीम के साथ ही पौड़ी से शूटर जॉय हुकिल को भी मौके पर बुलाया है। प्रयास रहेगा कि इस बड़ी बि¨ल्डग में छिपे लैपर्ड को जल्द पकड़ा जाए।

लक्ष्मण सिंह रावत, डीएफओ, वन विभाग पौड़ी

Posted By: Inextlive