- नये नियम होने के चलते खिलाडि़यों को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना

- ट्रायल लेने वाले कोचेज भी कनफ्यूज, नहीं जारी किये गये दिशा निर्देश

- पहली बार सिक्स्थ क्लास से लिए जा रहे है खिलाडि़यों के ट्रायल

LUCKNOW: लखीमपुर का विनोद जब दौड़ता है तो लोग उसकी स्पीड का लोहा मानते हैं। वाराणसी के अमरेन्द्र जब हॉकी लेकर गोलपोस्ट की तरफ बढ़ता है तो रोकना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है। तो वहीं इलाहाबाद के शिवेन्द्र की फुटबॉल पर गजब का कमांड है, लेकिन इन खिलाडि़यों को स्पो‌र्ट्स कॉलेज में ट्रायल में हिस्सा लेने से रोक दिया गया। ट्रायल लेने वालों के अनुसार इनके फार्म और जरूरी प्रपत्र पूरे नहीं थे, इसलिए उन्हें ट्रायल से बाहर कर दिया गया। ऐसे में इन खिलाडि़यों का स्पो‌र्ट्स कॉलेज में ट्रेनिंग लेने का सपना टूट गया। ऐसे दर्जनों खिलाड़ी हैं जो इस बार स्पो‌र्ट्स कॉलेज में ट्रायल देने से चूक गए हैं।

निराश हो लौट रहे खिलाड़ी

प्रदेश के स्पो‌र्ट्स कॉलेज में एडमीशन के लिए प्रारम्भिक दौर के ट्रायल शुरू हो चुके हैं। लेकिन यह पहला मौका है जब कई खिलाड़ी बिना ट्रायल दिए ही वापस लौट गए। स्पो‌र्ट्स कॉलेज में होने वाले अवैध प्रवेश को रोकने के लिए इस बार खास सतर्कता बरती जा रही है। सिर्फ उन्हीं खिलाडि़यों को प्रवेश दिए जा रहे हैं जिनके फार्म पूरी तरह से ठीक से भरे हुए हैं। इसके चलते किसी खेल में पांच तो किसी में 20 खिलाड़ी ही ट्रायल दे सके हैं।

नयी गाइड लाइन से दिक्कत

स्पो‌र्ट्स कॉलेज के अधिकारियों के अनुसार पिछले साल क्रिकेट में हुए अवैध एडमीशन को लेकर खासा बवाल हुआ। इसके बाद प्रमुख खेल सचिव अनीता जैन भटनागर ने स्पो‌र्ट्स कॉलेज की समिति बनाकर यहां पर फैली अनियमितताओं की जांच की। इसके साथ ही स्पो‌र्ट्स कॉलेज में एडमीशन को लेकर नई गाइड लाइन जारी कर दी। ऐसे में स्पो‌र्ट्स कॉलेज में इस बार निवास प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र और फिटनेस प्रमाण पत्र फार्म में भरकर देना है। जबकि पिछले साल तक ऐसा नहीं था। अच्छे खिलाडि़यों का ट्रायल ले लिया जाता था और उनके प्रपत्र संबंधी कार्रवाई बाद में पूरी की जाती थी। लेकिन इस बार सिर्फ उन्हीं आवेदकों को ट्रायल में हिस्सा लेने दिया जा रहा है जिनके फार्म पूरे हैं।

एडमीशन के बाद लिए जाते थे प्रपत्र

स्पो‌र्ट्स कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि खेल में आने वाले खिलाड़ी अधिकांश किसान या फिर ऐसे परिवारों से हैं जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में इन लोगों को यह नहीं पता कि फार्म के साथ लगने वाले प्रमाण पत्र कहां-कहां से बनेंगे। एडमीशन होने के बाद उनके पैरेंट्स को गाइड कर प्रमाण पत्र बनवाए जाते थे। इस बार भी प्रदेश भर से लोग यहां पर ट्रायल देने के लिए तो आ गए लेकिन फार्म पूरा ना होने के दशा में उन्हें वापस भेज दिया गया। हॉकी में वाराणसी से 57 लोग ट्रायल देने आए थे लेकिन सभी को वापस भेज दिया गया। इसी तरह से फुटबॉल में ट्रायल लेने के लिए पहुंचे बलिया के 63 प्लेयर्स को वापस भेजा गया।

नियम के अनुरूप ही खिलाडि़यों का एडमीशन लिया जाएगा। जिनके प्रपत्र पूरी तरह से ठीक है, सिर्फ उन्हें ट्रायल देने को अधिकार है।

- विजय गुप्ता

प्रिंसिपल, स्पो‌र्ट्स कॉलेज

मात्र एक हफ्ते का मिला वक्त

ट्रायल लेने वाले खिलाडि़यों ने बताया कि इस बार 12 फरवरी से स्पो‌र्ट्स कॉलेज के फार्म बंटने शुरू हुए जबकि 18 फरवरी से ट्रायल शुरू हो गए। ऐसे में आवेदन करने वालों को प्रपत्र कम्पलीट करने का भी वक्त नहीं मिला। इससे पहले एक महीने पहले ही फार्म आवेदन करने वालों को मिल जाते थे।

किस खेल में कितने ट्रायल

1. हॉकी-12

2. कबड्डी- 2

3. स्वीमिंग-4

4. बैडमिंटन- 2

5. फुटबॉल-20

6. वॉलीबॉल -5

7. एथलेटिक्स-16

Posted By: Inextlive