बच्चों को बेचे जाने के मामले के आरोपों से घिरे मिशनरीज ऑफ चैरिटी निर्मल हृदय ने डोरंडा के हिनू स्थित शिशु सदन को खोलने की मांग उपायुक्त से की है.

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RANCHI: बच्चों को बेचे जाने के मामले के आरोपों से घिरे मिशनरीज ऑफ चैरिटी निर्मल हृदय ने डोरंडा के हिनू स्थित शिशु सदन को खोलने की मांग उपायुक्त से की है। कहा गया है कि जिन-जिन बच्चों को शिशु सदन से हटा कर दूसरे जगहों पर भेजा गया है, वहां से उन बच्चों को वापस दिया जाए।

क्या है मामला
गौरतलब हो कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय में बच्चा बेचे जाने का मामला उजागर होने के बाद 11 जुलाई, 2018 को चैरिटी की दूसरी शाखा न्यू गांधीनगर हिनू स्थित शिशु सदन में सीडब्ल्यूसी की टीम ने धावा बोला था और वहां से 22 बच्चों को कस्टडी में लेकर दो एनजीओ के शेल्टर होम में शिफ्ट किया था। वहां से बच्चों से संबंधित कुल 22 फाइलें भी जब्त की गईं थी। कस्टडी में लिए गए बच्चों की उम्र एक माह से लेकर चार साल तक है। यहां अनाथ या सिंगल पैरेंट्स के बच्चों को रखा जाता था। शुरुआती जांच में पता चला कि यहां रहनेवाले 22 बच्चों में से कुछ की ही जानकारी सीडब्ल्यूसी को दी गई थी। अधिकतर बच्चे खूंटी जिले के पाए गए थे।

तीन बच्चों की हो चुकी है मौत
शिशु सदन से खूंटी सहयोग विलेज में भेजे गए 22 बच्चों में से तीन की मौत हो गई है। कई बच्चे कुपोषण के शिकार बन गए। उन सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वस्थ होने पर कुछ बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया था। बच्चे की मौत मामले में हाईकोर्ट में पहले से ही केस चल रहा है।

Posted By: Inextlive