लीबिया के नए नेतृत्व के लिए शुक्रवार का दिन बेहद खास रहा जहां एक ओर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने लीबिया की सीट ‘राष्ट्रीय अंतरिम परिषद’ को सौंप दी वहीं दूसरी ओर लीबिया पर लागू कई तरह के प्रतिबंधों में ढील देने को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ.

पहल हुई संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से लिबिया की सीट देश में प्रशासनिक कार्यभार संभाल रही राष्ट्रीय अंतरिम परिषद को सौंपने से.नेशनल ट्रांज़िशनल काऊंसिल (एनसीटी) को संयुक्त राष्ट्र में सीट दिए जाने के फैसले पर हुए मतदान में 114 वोट फैसले के हक में पड़े और 17 वोट इसके विरोध में।

दक्षिण अमरीका की कुछ वामपंथी सरकारों ने इसके विरोध में मतदान किया वहीं अफ्रीका की कुछ सरकारें इस मामले में देरी चाहती थीं। इसके कुछ घंटों बाद संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने लीबिया पर लगाए गए कई तरह के प्रतिबंधों में ढील देने और लीबिया में पुनर्निमाण के काम शुरु करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से एक राहत मिशन भेने का प्रस्ताव पारित किया है।

इस राहत मिशन का मकसद लीबिया की राष्ट्रीय अंतरिम परिषद को लंबे संघर्ष के बाद लीबिया में पुनर्निमाण के काम में मदद करना है। छह महीने पहले संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने लीबिया में सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच छिड़े संघर्ष में आम नागरिकों की सुरक्षा का ज़िम्मा नेटो सेनाओं को सौंपा था।

ये प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से लीबिया की सीट को राष्ट्रीय अंतरिम परिषद को सौंपे जाने के कुछ घंटों बाद आया है। इस प्रस्ताव ने लीबिया से संयुक्त राष्ट्र के जुड़ाव का एक नया अध्याय शुरु किया है।
इस प्रस्ताव के बाद लीबिया की दो प्रमुख तेल कंपनियों की संपत्ति पर लगी सील और लीबिया के व्यावसायिक हवाई सेवाओं पर लगी रोक हट जाएगी। हालांकि विदेशों में मौजूद लीबियाई खातों पर अब भी रोक लगी है लेकिन इस प्रस्ताव ने उन खातों के खुलने का राह भी तैयार की है। लेकिन नागरिकों की सुरक्षा के लिए लीबिया पर लगाया गया नो फ्लाऊ ज़ोन का प्रतिबंध अब भी बरकरार है।

संयुक्त राष्ट्र स्थित बीबीसी संवाददाता बारबरा प्लैट के मुताबिक ‘राष्ट्रीय अंतरिम परिषद’ को संयुक्त राष्ट्र में सीट देने का मतलब उन्हें जनता के प्रतिनिधि के रुप में स्वीकृति मिलना है। इस क़दम के बाद लीबिया का नया नेतृत्व अंतराराष्ट्रीय मंच पर लीबिया की नई पहचान के लिए एक कड़ी के रुप में चुन सकता है।

संयुक्त राष्ट्र की इस पहल के बाद अब लीबिया के लोगों के लिए कई रास्ते खुले हैं लेकिन सबसे बड़ी चुनौती संघर्ष के बाद उसके सैद्धांतिक मूल्यों को लेकर आगे बढ़ने की है।

इस बीच कर्नल गद्दाफ़ी के समर्थक उनके पैतृक शहर सियर्ट और आसपास के इलाकों में विद्रोहियों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। बनी वालिद शहर में गद्दाफ़ी समर्थकों ने रॉकेट और घातक हथियारों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

सियर्ट शहर के हवाई अड्डे के पास भई घमासान होने की खबरें हैं। इस बीच इन इलाकों में फंसे हज़ारों आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। लंबे समय से इन इलाकों में खाने, पानी और बिजली आदि की कोई आपूर्ती नहीं हुई है।

Posted By: Inextlive